सरकार की योजना संसद के शीतकालीन सत्र में 16 नए विधेयक पेश करने की है.
संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार यानी आज से शुरू हो रहा है.सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे. संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं. हालांकि विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, चीन से लगी सीमा पर स्थिति, केंद्र राज्य संबंध जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है.
- संसद सत्र की रणनीति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुबह 9.45 बजे समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है.
- राहुल गांधी और कांग्रेस के कई नेता ‘भारत जोड़ो' यात्रा में शामिल हैं. ऐसे में उनके सत्र में हिस्सा लेने की संभावना नहीं दिखाई देती है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मीडिया से बातचीत करने की संभावना है.
- संसद सत्र से पहले सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, बीजद, आप सहित 31 दलों के सदन के नेताओं ने हिस्सा लिया था. बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे.
- सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री एवं लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह ने सदन के सुचारू कामकाज संचालित होने के लिये सभी दलों का सहयोग मांगा था.
- गुजरात चुनाव कार्यक्रम के कारण सत्र में भी एक महीने की देरी हुई है. वहीं बुधवार से शुरू हो रहे सत्र के दूसरे दिन आठ दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम भी सामने आएंगे. ऐसे में शीतकालीन सत्र पर इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम की छाया भी देखने को मिलेगी.
- सरकार की योजना संसद के शीतकालीन सत्र में 16 नए विधेयक पेश करने की है, जिनमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं. राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है. इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है.
- इसके साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (एनएनएमसी) स्थापित करने एवं भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है.
- लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है.
- सत्र के दौरान छावनी विधेयक, 2022 पेश किए जाने की संभावना है. इस विधेयक के उद्देश्यों में छावनियों में ‘‘जीवन की सुगमता'' को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है. इस दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक, वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक आदि भी शामिल हैं.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
IND vs PAK Champions Trophy: Virat Kohli की शानदार पारी पर Babul Supriyo ने कही ये बात