बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर अड़े स्टूडेंट्स को पुलिस ने हिरासत में लिया है
पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंटी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. दो दिन पहले दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंटी की स्क्रीनिंग को लेकर अड़े स्टूडेंटस को इस काम से 'रोकने' के लिए प्रशासन ने कैंपस की बिजली और इंटरनेट सप्लाई काट दी थी. शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की दो यूनिवर्सिटी डीयू और अंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी विवि प्रशासन और पुलिस ने ऐसे ही कदम उठाए
- डीयू की आर्ट फैकल्टी में डॉक्यूमेंटी की स्क्रीनिंग की योजना थी लेकिन इसके बाहर स्टूडेंट्स के जमावड़े पर रोक लगा दी.एक अन्य स्थान, अंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी प्रशासन ने स्क्रीनिंग रोकने के लिए बिजली सप्लाई रोक दी.
- दोनों यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स के एक ग्रुप में इसे लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया, इनमें से कई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
- दिन चढ़ने के साथ ही डॉक्यूमेंटी की स्क्रीनिंग रोकने के लिए धारा 144 लागू करने के खिलाफ छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट फैकल्टी पर एकत्र हो गए.
- शाम तक इन स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय के पुलिस और सुरक्षा गार्डों के साथ संघर्ष करते देखा जा सकता था, इन्होंने "दिल्ली पुलिस वापस जाओ" के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है.
- इससे पहले, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की थी कि डीयू में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की कोशिश कर रहे 24 स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया गया.
- दिल्ली और अंबेडकर यूनिवर्सिटी से पहले BBC की इस डॉक्यूमेंट्री को JNU और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी दिखाने की योजना थी लेकिन इन दोनों यूनिवर्सिटी में भी प्रशासन ने इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की इजाजत नहीं दी थी. हालांकि, JNU में विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत न मिलने के बाद स्टूडेंट्स ने अपने स्तर पर इस डॉक्यूमेंट्री को फोन और लैपटॉप पर देखा था.
- जेएनयू में जब स्टूडेंट्स लैपटॉप-मोबाइल पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब झाड़ियों के पीछे से उन पर कुछ पत्थर फेंके गए थे .
- इसके बाद एबीवीपी और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए स्टूडेंट्स ने मार्च निकाला था और पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी.
- केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को पीएम मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के YouTube के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए हैं, उनको भी ब्लॉक कर दिया गया था.
- विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को ऐसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया था जो पक्षपाती और औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाता है.
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