वायुसेना के इस अभ्यास में राफेल, सुखोई समेत फ्रंटलाइन फाइटर जेट इसमें शामिल होंगे.
 
                                                                                                                भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को कहा है कि पूर्वी वायु कमान के पूर्वोत्तर क्षेत्र में आज से शुरू किए गए दो दिन के सैन्य अभ्यास का अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुए हाल के घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है. इस सैन्य अभ्यास की योजना तवांव में चीनी सेना के साथ हुए झड़प से काफी पहले बनाई गई थी. ये सैन्य अभ्यास नियमित और पहले से तय है.
- भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने कहा है कि पूर्व में गुरुवार और शुक्रवार को होने वाले सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का उस क्षेत्र में चीन के साथ हुए संघर्ष से कोई कनेक्शन नहीं है. हालांकि, ये अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब भारतीय वायुसेना को अपने लड़ाकू विमानों को इलाके में उतारना पड़ा.
 - वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे ने कहा कि ये सैन्य अभ्यास वायुसेना के पायलटों के ट्रेनिंग के लिए आयोजित किया जा रहा है. इस अभ्यास में देश के सभी युद्धक विमान और इस क्षेत्र में तैनात अन्य सैन्य संसाधन शामिल किए जाएंगे.
 - अधिकारियों ने बताया कि किसी भी चुनौतियों से निपटने के लिए सैन्य तैयारियों को परखने के मकसद से ये अभ्यास हो रहा है. इस अभ्यास का मकसद वायुसेना की क्षमता को परखना भी है.
 - वायुसेना के इस अभ्यास में राफेल, सुखोई समेत फ्रंटलाइन फाइटर जेट इसमें शामिल होंगे. ये 48 घंटे तक नॉर्थ ईस्ट के तेजपुर, जोरहाट, चाबुआ और हाशिमारा एयरबेस से उड़ान भरेंगे.
 - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में संसद को बताया कि चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को तवांग क्षेत्र में नवीनतम झड़प के दौरान यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी. इसका हमारे भारतीय जवानों ने करारा जवाब दिया. लाठी और अन्य हथियारों का उपयोग होने के कारण दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं. हालांकि, किसी पक्ष के पास बंदूक नहीं था.
 - अरुणाचल प्रदेश में तवांग के हिमालयी क्षेत्र में नवीनतम घटना 2020 में लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पहली घटना थी. गलवान में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के 35 सैनिकों की मौत हुई थी. हालांकि, इंटरनेशनल मीडिया में चीन ने अपने सैनिकों की संख्या 4 बताई है.
 - तवांग में झड़प के बाद चीनी सैनिकों भागे तो वे अपना कई सामान छोड़ गए. भारतीय सैनिकों ने झड़प वाली जगह से स्लीपिंग बैग और अन्य उपकरण बरामद किए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो स्लीपिंग बैग मिले हैं, वे ठंडे तापमान में खुले इलाकों में रहने में मदद करते हैं.
 - तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के बाद इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने अरुणाचल सीमा पर कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग, यानी जंगी उड़ानें शुरू कर दी हैं. तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी.
 - पिछले साल इसी क्षेत्र में 200 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी. तब भी भारतीय सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया था. तब पेट्रोलिंग के दौरान सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे और कुछ घंटों तक यह सिलसिला चला था. हालांकि, इसमें भारतीय जवानों को कोई नुकसान नहीं हुआ और प्रोटोकॉल के मुताबिक बातचीत से विवाद सुलझा लिया गया.
 - गलवान संघर्ष के बाद के दो वर्षों में सैन्य कमांडरों के बीच कई बैठकों के बाद भारतीय और चीनी सैनिकों में डिइंगेजमेंट पर सहमति बनी थी. जिसके बाद दोनों पक्ष महत्वपूर्ण बिंदुओं से पीछे हट गए थे.
 
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