उद्धव ठाकरे का पलटवारः “मैं बालासाहब का बेटा हूँ, किसी पद का मोहताज नहीं.”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज फेसबुक लाइव पर महाराष्ट्र की जनता से बातचीत की. अपने भावनात्मक संबोधन में उन्होंने कहा कि पार्टी उनके पिता की विचारधारा से अलग नहीं हुई है. उन्होंने आलोचकों को चुनौती दी कि वे आकर उन्हें पद छोड़ने के लिए कहें.

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उद्धव ठाकरे ने किया पलटवार, कहा मैं किसी पद का मोहताज नहीं.
मुम्बई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज फेसबुक लाइव पर महाराष्ट्र की जनता से बातचीत की. अपने भावनात्मक संबोधन में उन्होंने कहा कि पार्टी उनके पिता की विचारधारा से अलग नहीं हुई है. उन्होंने आलोचकों को चुनौती दी कि वे आकर उन्हें पद छोड़ने के लिए कहें.

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  1. उद्धव ठाकरे ने कहा, "अगर मेरे अपने लोग मुझे मुख्यमंत्री के रूप में देखना नहीं चाहते हैं, तो उन्हें मेरे पास चल कर आना चाहिए और ऐसा कहना चाहिए... मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं... मैं बालासाहेब का बेटा हूं, मैं किसी पद के पीछे नहीं भागता." ये बात आज शाम उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव में कहा.
  2. एकनाथ शिंदे ने अपने सहयोगियों के साथ विधानसभा में राज्यपाल और उपाध्यक्ष को एक पत्र लिखा था. 34 बागी विधायकों - जिनमें से चार निर्दलीय हैं - के पत्र ने शिंदे को अपना नेता घोषित किया है. इसके जवाब में उद्धव ठाकरे फेसबुक लाइव पर आए और अपने विचार जनता के सामने रखे.
  3. बागी गुट ने अपने प्रस्ताव में शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त किया है. साथ ही प्रस्ताव में कहा कि वैचारिक रूप से विरोध करने वाली कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी कैडर में "भारी असंतोष" है.
  4. इसने सरकार में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक मुद्दों पर भी पार्टी के अंदर "असंतोष" का दावा किया. प्रस्ताव में कहा गया कि  नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख जैसे मंत्रियों के भ्रष्टाचार की वजह से पार्टी में काफी असंतोष है.
  5. शिवसेना के पास 55 विधायक हैं जिनमें से 40 एकनाथ शिंदे के साथ हैं. अगर वे इस्तीफा देते हैं, तो शिवसेना की संख्या 15 हो जाती है. यह दावा करने के लिए कि उनका गुट ही असली शिवसेना है इसके लिए शिंदे को चुनाव आयोग से संपर्क करना होगा. चुनाव आयोग ही विवाद का फैसला करेगा.
  6. गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे कल से ही लगातार बालासाहेब ठाकरे की विरासत और हिंदुत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते रहे हैं. लेकिन वो विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने की ताकत भी रखते हैं. बहरहाल, उन्हें दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए कम से कम 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
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  8. इससे पहले आज, शिवसेना ने अपने विधायकों को एक अल्टीमेटम जारी किया जिसमें कहा गया था कि उद्धव ठाकरे के आवास पर शाम 5 बजे की बैठक में अगर वो शामिल नहीं होंगे तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. यह काफी हद तक एक तकनीकी निमंत्रण ही था क्योंकि शिवसेना के अधिकांश विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं.
  9. काबिलेगौर है कि स्पीकर ही किसी विधायक को अयोग्य घोषित कर सकते हैं न कि शिवसेना. यदि विधायक दल की बैठक में एमएलए शामिल नहीं होते हैं, तो शिवसेना स्पीकर के पास शिकायत दर्ज करा सकती है और पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता की कार्यवाही शुरू करने के लिए कह सकती है.
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  11. इससे पहले आज शिंदे खेमे के विधायक नितिन देशमुख मुंबई पहुंचे और उद्धव ठाकरे के लिए समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि उनका "अपहरण" किया गया था और उन्हें बलपूर्वक सूरत ले जाया गया.
  12. इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर सरकार बनाने का दावा पेश करने की बारीकियों पर चर्चा की. ठाकरे को हटाने के लिए भाजपा को 37 और विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी जिसे शिंदे के गुट द्वारा पूरा किया जा सकता है. फिलहाल भाजपा के पास 106 विधायक हैं.
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