Exclusive: "जोड़तोड़ की राजनीति समझ नहीं आती...", अरविंद केजरीवाल ने NDTV से की बातचीत, 10 बातें 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एनडीटीवी के टाउनहाल कार्यक्रम में हिस्सा लिया और विभिन्न मुद्दों पर किए गए सवालों का जवाब दिया.

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एनडीटीवी के टाउनहाल कार्यक्रम में हिस्सा लिया और विभिन्न मुद्दों पर किए गए सवालों का जवाब दिया. साथ ही सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा.

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा - 

  1. भगवान ने इंडिया के लोगों को सबसे मेहनती बनाया. हमे पास हर क्षेत्र के बेस्ट लोग हैं. तो हम पीछे क्यों रह गए. लोग अब आगे आना चाहते हैं. ऐसे में हम उन्हें मौजूदा सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकते. मेक इंडिया नंबर-1 इसी उद्देश्य से शुरू किया गया है.

  2. विधायक के खरीद-फरोख्त की खबरे छपती हैं. बीजेपी ने विभिन्न राज्यों को मिलाकर 285 विधायक खरीद लिए. सरकार गिराए. करोड़ों रुपये खर्च कर दिए. कहां से आ रहे हैं ये पैसे. ऐसे देश कैसे आगे बढ़ेगा?70 सालों में इन्होंने अपना और अपने दोस्त का घर भरने के आलावा कुछ नहीं किया. अमीरों के कर्ज को माफ कर देते हैं. अब हम देश की जनता के साथ एलायंस करेंगे और देश को आगे बढ़ाएंगे. 

  3. - देश ने मुझे बहुत कुछ मुझे दिया है. ऐसे में मैंने एक सपना देखा कि देश ने मुझे जैसे अच्छी शिक्षा दी है, वैसे ही शानदार शिक्षा मैं गरीब बच्चों को दूं. अच्छी शिक्षा नहीं देंगे तो देश आगे नहीं बढ़ेगा. केवल भाषणबाजी होगी. एक बच्चे को अगर अच्छी शिक्षा मिली तो वो अपने परिवार की गरीबी मिटाएगा. सरकारी स्कूल अच्छे नहीं होंगे तो देश आगे नहीं बढ़ेगा. 14,500 हजार स्कूल के विकास की बात करते हैं. देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं, बाकियों का क्या होगा. 

  4. - बीजेपी सरकार ने करोड़ों का कर्ज अपने दोस्तों का माफ कर दिया. ये पैसे खर्च करके वे स्कूल को शानदार बना सकते थे. हमने दिल्ली में करके दिखाया, पूरे देश में भी हो सकता है. शिक्षा के बाद स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं को ठीक करने की जरूरत है. सारा काम हो सकता है. दिल्ली मॉडल लागू करने की जरूरत है बस.  

  5. - सरकारी स्कूल ठीक करने के लिए नीयत और जज्बा चाहिए. उसमें और किसी चीज की जरूरत नहीं है. हम काम करेंगे तो प्रचार करेंगे ही. कुछ लोग बिन काम के ही प्रचार कर रहे. अच्छे काम का प्रचार तो होना ही चाहिए. गठबंधन के संबंध में उन्होंने कहा कि नेताओं से नहीं जनता से गठबंधन करने से देश बढ़ेगा. मुझे जोड़तोड़ की राजनीति समझ नहीं आती. हम काम करना जानते हैं. काम कराना है तो बुला लो. आईआईटी का इंजीनियर हूं काम कर दूंगा. 

  6. 130 करोड़ लोग जिस दिन खड़े हो गए तो सारी सरकारों को काम करना पड़ जाएगा. देश में एक सकारात्मक ऊर्जा जगाना पड़ेगा. देश के लोग एकजुट होकर जब आवाज उठाएंगे तो मेरा देश नंबर 1 बन जाएगा. 75 साल हमें बेवकूफ बनाया गया. हमें काम की जरूरत है. हमने दिल्ली में करके दिखाया है. जब तक देश का हर बच्चा पढ़ा-लिखा नहीं होगा, विकास होना असंभव है. हमारे देश के लोगों को मौका देना होगा. एक से बढ़कर एक इंटेगिजेंट लोग हैं, हमारे देश में.

  7. बीजेपी की 'बी-टीम' होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करने के लिए मेरी जरूरत है. क्या राहुल गांधी काफी नहीं हैं? वहीं, हनुमान मंदिर जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि बाकी लोग हनुमान मंदिर नहीं जाते, उनको जाना चाहिए. मैं तो रोज कई बार हनुमान चालिसा पढ़ता था. जिसकी जिसमें आस्था हो सबको करना चाहिए. इससे  मन शांत रहता है.

  8. बीजेपी की 'बी-टीम' होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करने के लिए मेरी जरूरत है. क्या राहुल गांधी काफी नहीं हैं? वहीं, हनुमान मंदिर जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि बाकी लोग हनुमान मंदिर नहीं जाते, उनको जाना चाहिए. मैं तो रोज कई बार हनुमान चालिसा पढ़ता था. जिसकी जिसमें आस्था हो सबको करना चाहिए. इससे  मन शांत रहता है.

  9. सीबीआई को मनीष सिसोदिया के घर से क्या मिला? गांव से क्या मिला? लॉकर से क्या मिला? शराब घोटाला का राग अलाप रहे हैं. बीजेपी के चार नेता चार बात कहते हैं. एलजी अलग आरोप लगाते हैं. सीबीआई कुछ अलग आरोप लगागी है. आखिर घोटाला है क्या? ऐसे देश आगे नहीं बढ़ेगा. अगर घोटाला हुआ है तो कार्रवाई करो. ये सुबह से शाम तक की नौटंकी बंद करो. इससे देश आगे नहीं बढ़ने वाला. मेरे मंत्री के खिलाफ सबूत मिले मैंने तुरंत कार्रवाई की.

  10. मनीष सिसोदिया ने तो स्पष्ट कहा है कि जांच कर लें और गिरफ्तार करें. आरोप सिद्ध ना हो तो पीएम मोदी माफी मांग लें. लेकिन इन्हें कुछ नहीं करना. केवल गंध मचाना है.  सबसे अधिक हमारी जांच कराई गई है. सत्येंद्र जैन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले. अब ये कह रहे कि जज बदल दें. हमने लोगों को सरकारी स्कूल जाने को मजबूर कर दिया. तमिलनाडु से स्टेलिन साहब आए उन्होंने स्कूल देखा और अब अपने राज्य में वैसा ही स्कूल बना रहे.