कांग्रेस के एक प्रमुख पैनल ने निजी क्षेत्र में आरक्षण और जातिगत जनगणना की वकालत की है.
कांग्रेस (Congress) के एक प्रमुख पैनल ने पार्टी के चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) में निजी क्षेत्र में आरक्षण (Reservation in private sector) की वकालत की है. साथ ही जातिगत जनगणना (Caste Census) कराने को लेकर भी समर्थन व्यक्त किया है. पैनल ने सामाजिक न्याय पर कहा कि वह कांग्रेस कार्य समिति सहित कमजोर वर्गों के लिए संगठन के भीतर सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत सीटों को आरक्षित करने की सिफारिश करेगा. कांग्रेस चिंतन शिविर में पैनल की सिफारिश से जुड़ी 10 बड़ी बातें.
- कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और के राजू ने मीडिया को बताया कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता के संदेश को साबित करने के लिए संगठन में सुधार की जरूरत है.
- अंतिम निर्णय से पहले पैनल की सिफारिशों पर कांग्रेस कार्य समिति द्वारा विचार किया जाएगा.
- राजू ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को एक सामाजिक न्याय सलाहकार परिषद बनाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा, "यह परिषद जांच करेगी कि सामाजिक न्याय से संबंधित मुद्दे क्या हैं और पार्टी को किस पर ध्यान देना चाहिए. हमें किस तरह की नीतियों पर आगे बढ़ने की जरूरत है. एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने के लिए हमें किस तरह के फैसले लेने की जरूरत है."
- राजू ने कहा कि कांग्रेस संविधान में कमजोर वर्गों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.
- उन्होंने कहा, "समूह ने चर्चा की और यह निर्णय लिया कि अल्पावधि में बूथ समितियों से शुरू कर ब्लॉक समितियों, जिला समितियों, पीसीसी और सीडब्ल्यूसी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए कांग्रेस समितियों में आरक्षण को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहिए. कुछ का विचार है कि हमें 50 प्रतिशत से भी आगे जाने की जरूरत है, लेकिन, सदस्यों ने महसूस किया कि पहले हम इसे 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करें."
- उन्होंने कहा कि समूह ने ध्यान दिया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर कई उपजातियां हैं और पार्टी को उन पर ध्यान देने की जरूरत है.
- उन्होंने कहा, "इन समुदायों के भीतर उन उप-जातियों की पहचान करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनका संगठन और सरकार में भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है."
- साथ ही उन्होंने कहा "हमने यह भी सिफारिश की है कि छह महीने में एक बार सीडब्ल्यूसी का एक विशेष सत्र, पीसीसी और डीसीसी की विशेष बैठक केवल चर्चा के लिए, केवल अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी और अल्पसंख्यकों से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए होगी ताकि पार्टी हमेशा मुद्दों से जुड़ी रहे और निर्णय लें."
- कांग्रेस नेता ने कहा कि समूह ने ओबीसी और अन्य सभी समुदायों की जाति आधारित जनगणना को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श किया है.
- उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर, कांग्रेस पार्टी को एक स्टैंड लेना होगा. समूह ने सिफारिश की है कि पार्टी को जाति आधारित जनगणना की मांग करनी होगी और अपनी प्रतिबद्धता जतानी होगी."
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