जोशीमठ में आज गिराई जा सकती हैं इमारतें.. बिना मुआवजा घर और होटल तोड़ने का लोग कर रहे विरोध, 10 बातें

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं इमारतों को गिराने की कार्रवाई आज की जा सकती है. स्थानीय लोग और होटल मालिक सरकार की इस कार्रवाई का लगातार विरोध कर रहे हैं. होटल संचालक सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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जोशीमठ में जमीन धंसने से अब तक 723 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.

नई दिल्ली:

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं इमारतों को गिराने की कार्रवाई आज की जा सकती है. स्थानीय लोग और होटल मालिक सरकार की इस कार्रवाई का लगातार विरोध कर रहे हैं. होटल संचालक सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

  1. लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने फैसला किया है कि बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. विध्वंस मैन्युअल रूप से किया जाएगा. जानकारी के अनुसार प्रशासन वन टाइम सेटलमेंट प्लान पर काम कर रहा है.
  2. सरकार ने क्षतिग्रस्त मकानों को गिराने के लिए उचित योजना बनाने के लिए सीबीआरआई की एक टीम बुलाई है. अब तक कुल 731 घरों में दरारें आ गई हैं.
  3. राज्य सरकार ने सोमवार को 'माउंट व्यू' और 'मालारी इन' होटल को गिराने का फैसला किया था, जिनमें हाल में बड़ी दरारें आ गईं हैं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गए हैं.
  4. क्षतिग्रस्त होटल की वजह से आसपास की इमारतों को खतरा पैदा हो गया है. इलाके में अवरोधक लगा दिए गए हैं और इन होटल तथा आसपास के मकानों में बिजली आपूर्ति रोक दी गई है.
  5. करीब 500 घर बिजली के अभाव का सामना कर रहे हैं. वहीं लोगों को घरों से निकालने के प्रयास जारी रहने के बीच अब तक कुल 131 परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंच गए हैं. 
  6. जोशीमठ में दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 हो गई है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चमोली इकाई ने यह जानकारी दी.
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  8. प्रभावित इलाकों में 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. जिला प्रशासन ने ऐसे घरों के बाहर लाल निशान लगा दिए हैं.
  9. जोशीमठ के लोग अब भी पुनर्वास और मुआवजे को लेकर गुस्से में हैं. हालांकि प्रभावित मकानों के मालिकों को राज्य सरकार ने 4000 रुपये प्रति महीना देने का ऐलान किया है.
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  11. होटलों को गिराने के लिए रुड़की से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है. ये वो होटल हैं जिनके स्वतः गिरने से कई मोहल्लों को ख़तरा था, लिहाज़ा एहतियातन इन्हें सरकार ने गिराने का फ़ैसला लिया है.
  12. 'मालारी इन' होटल के मालिक ठाकुर सिंह ने कहा कि मुझे सुबह अखबार से इस बारे में पता चला. कोई पूर्व नोटिस नहीं दिया गया. अगर सरकार ने मेरे होटल को असुरक्षित समझा है तो इसे गिराने का फैसला करने से पहले उन्हें एकमुश्त निपटान योजना लानी चाहिए.
     
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