मुंबई की एक विशेष अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के दोषियों की रिहाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट सुभाषिनी अली व दो अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. दरअसल साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो (Bilkis Bano) से सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी थी.
- इस मामले के 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं पर आज सुनवाई होगी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सुभाषिनी अली, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार करने के लिए तैयार हो गया. वहीं चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच द्वारा आज ये सुनवाई की जानी है.
- दरअसल मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (अली की ओर से) और अभिषेक सिंघवी (मोइत्रा की ओर से) और वकील अपर्णा भट की दलीलों के बाद मामले की सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की.
- याचिका में कहा गया है कि सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए. साथ ही गुजरात सरकार (Gujarat Government) के उस आदेश को पेश करने के आदेश दिए जाएं जिसके तहत दोषियों को रिहाई दी गई है.
- याचिका में रिहाई की सिफारिश करने वाली कमेटी पर भी सवाल उठाया गया है. कहा गया है कि ऐसे तथ्यों पर, जिसमें दोषियों ने जघन्य कांड को अंजाम दिया, किसी भी मौजूदा नीति के तहत कोई भी प्राधिकरण ऐसे लोगों को छूट देने के लिए उपयुक्त नहीं मानेगा.
- याचिका के अनुसार मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई थी और इस प्रकार, गुजरात सरकार को केंद्र सरकार की सहमति के बिना धारा 432 सीआरपीसी के तहत छूट/समय से पहले रिहाई देने की कोई शक्ति नहीं है.
- इसमें कहा गया है कि सभी 11 दोषियों को एक ही दिन समय से पहले रिहा करने से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि राज्य सरकार ने योग्यता के आधार पर प्रत्येक व्यक्तिगत मामले पर विचार किए बिना यांत्रिक रूप से "थोक" में रिहाई दे दी है.
- बता दें कि 2008 में मुंबई की एक विशेष अदालत ने गैंगरेप और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा.
- 12 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. उसमे से एक मुकद्दमे के दौरान मर गए और 11 लोगों को जेल भेजा गया.
- सर्वोच्च न्यायलय ने गुजरात सरकार से बिलकिस को 50 लाख रूपये का मुआवजा, एक घर और सरकारी नौकरी देने का आदेश पारित किया था. काफी समय बाद मुआवजा मिला लेकिन घर और नौकरी अभी तक नहीं मिली है.
- यही नहीं, जिन 11 दोषियों को जेल भेजा गया था, वे भी कई बार पेरोल पर छोड़े गए. वहीं अब गुजरात सरकार ने उनकी सजा माफ कर दी है.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
Baba Siddiqui Murder Case: आकाशदीप ने खोले बड़े राज, खुद बताया कैसे करता था Anmol Bishnoi से बात