बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 217 राहत शिविर और 224 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं
असम में एक बार फिर से बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. प्री-मानसून बारिश के कारण आई भारी बाढ़ की चपेट में 29 जिलों के 1,929 गांव आए हैं. 7.17 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ से 9 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 49,400 लोगों को राहत शिविर में जगह दी गयी है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई जगहों पर मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से चरमरा गया है.
- राज्य में बाढ़ प्रभावित 49,400 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
- बाढ़ से सबसे अधिक होजई और कछार जिले प्रभावित हैं. इन जिलों में 1 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. सेना ने बचाव प्रयासों के तहत होजई जिले में फंसे 2,000 से अधिक लोगों को बचाया है.
- इस बीच एक वीडियो सामने आया है जिसमें बीजेपी विधायक बाढ़ के पानी से बचने के लिए एक कर्मचारी की पीठ पर सवारी करते हुए नजर आ रहे हैं. लुमडिंग विधानसभा के भाजपा विधायक सिबू मिश्रा जब बाढ़ राहत का जायजा लेने पहुंचे थे तो पानी से बचने के लिए वो बाढ़ राहत के लिए काम कर रहे एक कर्मचारी के पीठ पर सवार हो गए. उनका यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
- दक्षिण असम में स्थित दीमा हसाओ जिला आज पांचवें दिन भी देश के अन्य हिस्सों से कटा रहा. बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने दीमा हसाओ से सड़क और रेल संपर्क काट दिया है.
- रविवार से बराक घाटी के साथ-साथ त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के महत्वपूर्ण हिस्सों के लिए सड़क और रेल संपर्क भी टूट गया है.
- असम बाढ़ के कारण त्रिपुरा में महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की आपूर्ति प्रभावित हुई है. असम से हवाई अड्डे पर सड़क और रेल के माध्यम से एटीएफ की आपूर्ति की जाती रही है लेकिन बाढ़ के कारण इस पर असर पड़ा है.
- सड़क और रेल मार्ग में बाधा के बाद हवाई टिकटों की मांग और उनकी कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रही है. 22 मई तक अगरतला-गुवाहाटी रूट का टिकट उपलब्ध नहीं है.
- बाढ़ से अब तक 9 लोगों की मौत की सूचना है. असम सरकार ने मरने वालों में से प्रत्येक के परिवारों को 4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है.
- बाढ़ से फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. कुल 58,065.29 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है.
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 217 राहत शिविर और 224 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं. राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी दिक्कत का सामना किया जा रहा है.
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