ये पुल सात महीने से रेनोवेशन के लिए बंद था. 25 अक्टूबर को इसे मरम्मत के बाद खोला गया था.
गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मृतकों की संख्या सोमवार तक 141 पहुंच गई. इनमें 45 की उम्र 18 साल से कम है. अधिकारियों ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन को मंगलवार सुबह के लिए रोक दिया गया है, क्योंकि रोशनी कम होने से सर्च ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. उन्होंने कहा कि लगभग 100 शवों के पानी में फंसे होने की आशंका है.
भारत की शीर्ष फोरेंसिक लैब के सूत्रों ने बताया कि गुजरात के मोरबी में माच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज लोगों की भारी भीड़ के कारण टूट गया. ये पुल सात महीने से रेनोवेशन के लिए बंद था. 25 अक्टूबर को इसे मरम्मत के बाद खोला गया था. हादसे में 47 बच्चों सहित 141 से अधिक लोग मारे गए हैं. मरने वालों में दो साल का बच्चा भी शामिल है.
सूत्रों ने कहा कि फोरेंसिक अधिकारियों ने ब्रिज के सैंपल लेने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया. उन्होंने पाया कि लोगों की भारी भीड़ ने हाल ही में पुनर्निर्मित ब्रिज की संरचनात्मकता को कमजोर कर दिया था.
मोरबी का यह ऐतिहासिक पुल शहर की नगर पालिका के अधिकार में था. नगर पालिका ने इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी अजंता ओरेवा ग्रुप ऑफ कंपनीज को सौंपी थी. ओरेवा कंपनी से अगले 15 साल यानी 2037 तक के लिए पुल की मरम्मत, रख-रखाव और ऑपरेशन का समझौता किया गया था.
ओरेवा कंपनी इलेक्ट्रॉनिक घड़ियों, कैलकुलेटर, घरेलू उपकरणों और एलईडी बल्ब बनाने वाली कंपनी है. ओरेवा ने ही देश में सबसे पहले एक साल की वारंटी के साथ एलईडी बल्ब बेचने की शुरुआत की थी. एक बल्ब बनाने वाली कंपनी को ब्रिज के रेनोवेशन का काम क्यों दिया गया, ये समझ से परे है.
पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के अधिकारियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी की पुष्टि राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने की है. उनका कहना है कि सभी आरोपियों की कोविड जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है.
जानकारी के अनुसार मच्छु नदी पर बने इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता थी. हादसे के दिन यानी रविवार को इस पुल पर क्षमता से 5 गुना ज्यादा लोग सवार थे. 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर 400-500 लोग आ गए थे.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज'' जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया.
कंपनी ने नागरिक अधिकारियों से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया, जिसकी पुष्टि मोरबी नगरपालिका एजेंसी के प्रमुख संदीपसिंह जाला ने रविवार को एनडीटीवी से की. घड़ी बनाने वाली कंपनी अजंता, ओरेवा समूह का हिस्सा है, जिसने पुल के लिए 17 रुपये प्रति टिकट बेचा.
ओरेवा समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर ने 24 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, "अगर लोग संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना जिम्मेदारी से काम करते हैं, तो यह नवीनीकरण अगले 15 वर्षों तक जारी रह सकता है."
मोरबी हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा. ये फैसला गुजरात सरकार ने लिया है. वहीं, PM मोदी मंगलवार दोपहर बाद मोरबी जाएंगे.