Yogini Ekadashi 2022: इस दिन है योगिनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पारण का समय

Yogini Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी व्रत का खास महत्व है. यह व्रत आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है. 2022 में योगिनी एकादशी 24 जून को पड़ रही है.

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Yogini Ekadashi 2022: योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि को पड़ती है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत करने से सभी प्रकार के पाप कट जाते हैं. साथ ही देहावसान के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि इस एकादशी का व्रत करने से 88 ब्राह्णों को भोजन कराने जितना पुण्य मिलता है. कहते हैं कि ऐसा भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने युधिष्ठिर को योगिनी एकादशी व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) के महत्व के बारे में बताया था. आइए जानते हैं 2022 में योगिनी एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण के बारे में.


योगिनी एकादशी 2022 तिथि | Yogini Ekadashi 2022 Date

योगिनी एकादशी का व्रत आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस दिन एकादशी तिथि का खास महत्व होता है. पंचांग के मुताबिक एकादशी तिथि की शुरुआत 23 जून, गुरुवार को 9 बजकर 41 मिनट से हो रही है. साथ ही एकादशी तिथि अगले दिन यानि 24 जून, शुक्रवार को रात 11 बजकर 12 मिनट तक है. एकादशी का व्रत उदया तिथि में रखा जाता है. इसलिए योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा. 

योगिनी एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त | Yogini Ekadashi 2022 Shubh Muhurat

योगिनी एकादशी के दिन साध्य योग सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक है. इसके बाद शुभ योग शुरू हो जाएगा. ज्येष्ठा नक्षत्र 24 जून को शाम 6 बजकर 32 मिनट तक है. इसके अलावा इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. 

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योगिनी एकादशी का महत्व | Significance of Yogini Ekadashi

योगिनी एकादशी व्रत के महत्व के बारे में श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था. भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि जो मनुष्य योगिनी एकादशी का व्रत रखता है, उसे मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही उसके द्वारा किए गए सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं.

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योगिनी एकादशी पारण समय | Yogini Ekadashi Parana Time

योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून को है. ऐसे में जो लोग इस दिन व्रत रखेंगे वे 25 जून को सुबह 5 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट के बीच पारण कर सकते हैं. पंचांग के मुताबिक इस दिन हरिवासर सुबह 5.41 पर समाप्त हो जाएगा. हरिवासर के दौरान पारण नहीं किया जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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