Shri Krishna Story : किन वजहों से कभी दोबारा वृंदावन नहीं लौटे श्रीकृष्ण

Shri Krishna leela : भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन का कुछ समय गोकुल में बिताया उसके बाद वे वृंदावन गए और वहां उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय वृंदावन में बिताया.

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New Delhi : भगवान श्री कृष्ण के बारे में कौन नहीं जानता, उनकी लीलाएं और गीता में दिये गए उपदेश मानव जाति के मन मस्तिष्क में जीवंत हैं. भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन का कुछ समय गोकुल में बिताया उसके बाद वे वृंदावन चले गए और जहां उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय बिताया. उन्हें वृंदावन के लोग काफी प्रिय भी हैं. लेकिन इसके बावजूद वे जब वृंदावन छोड़कर मथुरा गए तो कभी दोबारा लौट कर वृंदावन नहीं आए. आखिर इसके पीछे क्या वजह थी हम आपको इस स्टोरी में बताने वाले हैं.

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वापस वृंदावन क्यों नहीं लौटे भगवान कृष्ण - Why not Krishna Never Returned to Vrindavan

श्री कृष्ण क्यों गए थे मथुरा 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने अपना बचपन गोकुल में बिताया, लेकिन वहां कंस के बढ़ते अत्याचारों को देखते हुए उनके परिवार ने वृंदावन में बसने का फैसला लिया और वहां जाकर बस गए. इसके बाद जब कंस का अत्याचार बढ़ता चला गया तो श्री कृष्ण मथुरा चले गए और वहां कंस का वध कर जनता को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई. इसके बाद से कृष्ण मथुरा में ही बस गए और उन्होंने मथुरा का राजपाट संभाल लिया.

कृष्ण का शत्रु बन गया जरासंध

मथुरा में कंस का वध करने के बाद वे कभी लौटकर वृंदावन नहीं आए. उन्होंने कंस का वध किया था इसके बाद उनका शत्रु जरासंध नामक राक्षस बन गया. जरासंध राक्षस मथुरा पर राज करना चाहता था और इसका जिक्र कई ग्रंथों में मिलता है कि जरासंध ने कुल 18 बार मथुरा पर आक्रमण किया था. हालांकि इनमें से 17 बार उसे असफलता ही हाथ लगी थी. 

भगवान श्री कृष्ण के मथुरा छोड़कर वापस वृंदावन ना जाने की एक वजह ये भी है. क्योंकि जैसे ही उसे मौका मिलता जरासंध मथुरा पर हमला कर देता. वहीं जरासंध के लगातार हमलों की वजह से ही भगवान कृष्ण ने मथुरा को छोड़कर एक नई नगरी द्वारका बसाई, जो कि पानी के बीचों बीच थी. इसके बाद श्रीकृष्ण द्वारकाधीश कहलाए.

वापस वृंदावन ना लौटने के एक कारण ये भी था 

श्री कृष्ण के वृंदावन ना लौटने का एक कारण ये भी था कि उन्हें वृंदावन बहुत प्रिय था और जितना स्नेह और प्यार उन्हें वृंदावन के लोगों से मिलता उतना शायद ही कहीं से मिला हो. वे ये बात जानते थे कि अगर वे वापस वृंदावन गए तो उन्हें वहां से आने नहीं दिया जाएगा. उन्हें ये भी पता था कि उनकी लीलाओं में वृंदावन वापस लौटना शामिल नहीं है. इसलिए उन्होंने अपने मित्र उद्धव को वृंदावन भेजकर गोपियों के लिए संदेश पहुंचाया था लेकिन गोपियां श्री कृष्ण को नहीं भूल पाईं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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