ज्योतिषाचार्य से जानिए नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने से मां का बरसता है आशीर्वाद और जीवन में आती है सुख-समृद्धि

घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए ज्योतिषाचार्य डॉ० अरविन्द मिश्र द्वारा बताए गए कुछ देवी मंत्रों का जाप कर सकते हैं, जिससे आपको मां का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है. 

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या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै।। नमस्तस्यै ।। नमस्तस्यै नमो नमः।।

Devi mantra's for navratri : नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. इस दिन मां के पांचवें स्वरूप स्कंद माता की पूजा अर्चना की जाती है. इनकी पूजा करने से बुद्धि-विवेक बढ़ता है और ज्ञान में वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि नि:संतान अगर नवरात्रि के पांचवें दिन सच्चे मन से व्रत रखते हैं और माता के इस स्वरूप की पूजा करते हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है. इसके अलावा पूरे नवरात्र आप घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए ज्योतिषाचार्य डॉ० अरविन्द मिश्र द्वारा बताए गए कुछ देवी मंत्रों का जाप कर सकते हैं, जिससे आपको मां के सभी स्वरूपों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है. 

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किन मंत्रों का नवरात्रि में करें जाप

लक्ष्मी के रूप में प्राप्ति के लिए

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै ।।  नमस्तस्यै ।। नमस्तस्यै नमो नमः ।।

विपत्ति-नाश के लिये 

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

कोर्ट कचहरी अथवा मुकदमे बाजी से बचने के लिए

पन्थानं सुपथा रक्षेन्मार्ग क्षेमकरी तथा। राजद्वारे महालक्ष्मीर्विजया सर्वतः स्थिता ।।

बीज मंत्र संपूर्ण

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।

ॐ ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ग्लौं हूं क्लीं जूं सः ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं संलं क्षं फट् स्वाहा।

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बीज मंत्र संक्षिप्त

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।

शत्रु पर विजय ओर शांति प्राप्ति के लिए

सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्.!!
बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिएः
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय..!!

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इन मंत्रों का भी कर सकते हैं जाप

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते॥

ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि।
तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्॥

कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि !
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:!!

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्।
तारिणींदुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम.!!

कैसे करें मंत्र जाप

डॉ, अरबिन्द मिश्र के अनुसार, नवरात्रि में 1 मंत्र जपने पर 1000 मंत्र के बराबर फल प्राप्त होता है. वहीं, मंत्र जाप लाल चन्दन की माला अथवा रुद्राक्ष की माला पहनर पूर्व या उत्तर मुख हो कर करना चाहिए. साथ ही पीले अथवा लाल रंग के ऊन के आसान पर करना अच्छा होचा है. साथ ही आप इन मंत्रों से लौंग और बतासे से 7,11,21,51 आहुति भी दे सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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