निर्जला एकादशी व्रत 30 या 31 मई को लेकर हैं कंफ्यूज तो चलिए बताते हैं आपको सही तारीख

कोई 30 को उपवास (nirjala upwas kab hai) रखने की बात कर रहा है तो कोई 31, जिसके चलते कंफ्यूजन बढ़ती जा रही है. तो आज लेख में आपकी उलझन को सुलझा देते हैं.

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निर्जला एकादशी का व्रत रखने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच-स्नान आदि से निवृत हो लिया जाता है.

Nirjala ekadashi 2023 : निर्जला एकादशी का व्रत इस बार कब पड़ रहा है इसको लेकर असमंजस की स्थिति लोगों में बनी हुई है. कोई 30 को उपवास (nirjala upwas kab hai) रखने की बात कर रहा है, तो कोई 31, इसके चलते कंफ्यूजन और बढ़ती जा रही है. तो आज लेख में आपकी उलझन को सुलझा देते हैं, ताकि आप शुभ मुहूर्त में सही विधि के साथ पूजा पाठ कर सकें, तो चलिए जानते हैं बिना किसी देरी किए.

निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त और तारीख

  • पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि दिन मंगलवार यानी 30 मई को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन बुधवार 31 को मई को 01 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी. इस लिहाज से यह उपवास 31 को रखा जाएगा. वहीं, इस व्रत के पारण का समय सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक होगा.

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निर्जला एकादशी पूजा विधि

  • निर्जला एकादशी का व्रत रखने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच-स्नान आदि से निवृत हो लिया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा पूरे भक्ति भाव से करनी चाहिए.

  • इस व्रत में महिलाएं पूर्ण श्रृंगार और मेंहदी लगाती हैं. व्रत के दौरान पूरे दिन भगवान विष्णु का नाम लेना चाहिए. एकादशी के दिन सोना निषेध माना गया है.

  • एकादशी व्रत की पूजा के बाद कलश के जल से पीपल को जल देना चाहिए. दूसके दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु और पीपल के नीचे दीपक जलाना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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