Makar sankranti date 2023 : जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं तो इस घटना को मकर संक्रांति कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन के बाद से ठंड का असर थोड़ा कम होता है. इस दिन को भारत में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है. इसके अलावा इस दिन दान पुण्य करने की भी परंपरा है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी लोगों को संक्रांति की सही तारीख को लेकर कंफ्यूजन बनी हुई है. लेकिन ये आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको मकर संक्रांति सही तारीख और मुहूर्त के बारे में पता चल जाएगा.
कब है मकर संक्रांति | When is Makar Sankranti
- मकर संक्रांति की सही तारीख को लेकर ज्योतिषी दीपक भारद्वाज ने बताया कि यह 14 जनवरी 2023 को देश में मनाई जाएगी.
- मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक है. इसके अलावा मकर संक्रांति का महा पुण्य काल- सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक है. मकर संक्रांति पर पुण्य काल (Makar Sankranti 2023 Punya Kaal Time) की कुल अवधि 10 घंटे 31 मिनट की है.
- जबकि महा पुण्य काल (Makar Sankranti 2023 Maha Punya Kaal Time) की कुल अवधि 1 घंटा 45 मिनट की है. बता दें कि 2023 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को शाम 8 बजकर 57 मिनट पर होगी. यानी इस समय सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
मकर संक्रांति का महत्व | Importance of Makar Sankranti 2023
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. यानी सूर्य देव जब बृहस्पति की राशि धनु से शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. यही वजह है कि इस पर्व को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस वक्त सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है और उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन कई स्थानों पर खिचड़ी और दही-चूड़ा खाने की भी परंपरा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)