विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करते समय इन 5 नियमों का जरूर रखें ध्यान

विष्णु सहस्रनाम की रचना प्राचीन समय में ऋषि मुनियों ने की है और इसमें प्रभु के हजारों नाम बताए गए हैं. इस स्तोत्र का पाठ करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

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विष्णु सहस्रनाम के नियमित पाठ से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की परेशानियां दूर हो जाती है.

Vishnu Sahasranama Stotram : भक्त भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए हर माह एकादशी का व्रत रखते हैं. हर दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से प्रभु भक्तों की सभी समस्याएं दूर कर सकते हैं. विष्णु सहस्रनाम की रचना प्राचीन समय में ऋषि मुनियों ने की है और इसमें प्रभु के हजारों नाम बताए गए हैं. इस स्तोत्र का पाठ करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है. आइए जानते हैं भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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पाठ करने का समय

विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ भक्त कभी भी कर सकते हैं लेकिन सूर्योदय का समय सबसे अच्छा माना जाता है. स्नान के बाद श्रद्धाभाव से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को स्मरण करने के बाद पाठ करना शुरू करें.

सफाई का ध्यान

विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से पहले भक्तों को साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए. स्नान करने के साथ स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए और जहां पाठ करने वाले हैं वहां की भी सफाई कर लेनी चाहिए.

पीले वस्त्र

विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए. यह भगवान विष्णु के प्रिय रंग है. इससे भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं.

पानी का कलश

विष्णु सहस्रनाम पाठ करते समय मंदिर में या जहां पाठ करने बैठे हैं, वहां पानी से भरा कलश या गिलास जरूर रखना चाहिए.

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सही उच्चारण

विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करते समय स्तोत्र में आए भगवान विष्णु के नामों को उच्चारण सही तरीके से करना चाहिए. पाठ पूरा होने पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और गुड़ या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए. पाठ करते समय पूरा ध्यान पाठ पर ही रखना चाहिए.

विष्णु सहस्रनाम पाठ का महत्व

विष्णु सहस्रनाम के नियमित पाठ से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की परेशानियां दूर हो जाती है. इसके पाठ से विवाह में आ रही बाधा भी दूर हो जाती है. नियमित पाठ से मन से भय और तनाव हट जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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