Vat Savitri fast : इस बार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि यानी आज 19 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रहकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भी प्रार्थना करती हैं. इस बार यह व्रत थोड़ा खास रहने वाला है, क्योंकि 3 दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जिससे इस उपवास का महत्व और बढ़ जाता है. ऐसे में चलिए जानते इस व्रत का शुभ मुहूर्त और संयोग के बारे में.
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वट सावित्री शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 18 मई को रात 9 बजकर 42 मिनट से होगा और अगले दिन यानी 19 मई की रात 9 बजकर 22 मिनट तक अमावस्या तिथि होगी. उदाया तिथि 19 मई को है इसलिए वट सावित्री व्रत इस दिन ही रखा जाएगा.
शुभ संयोग
इस बार वट सावित्री के व्रत पर शोभन योग (shobhan yog) बन रहा है जो 18 मई को शाम 7:37 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 19 मई को शाम 6:16 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा संयोग शश योग है. इस दिन शनि जयंती भी है ऐसे में शनि देव की पूजा अर्चना करना भी बहुत फलदायी होगा. जिनकी कुंडली में ढैय्या और साढ़ेसाती है उन्हें तो इस दिन शनि देव की पूजा जरूर करनी चाहिए. इसके अलावा इस दिन गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. ये सारे ही संयोग बहुत ही फलदायी है इसलिए व्रत को महत्व दोगुना हो जाता है.
वट सावित्री के व्रत में क्या करें
- मान्यतानुसार जो महिलाएं पहली बार वट सावित्री (vat Savitri) का व्रत रख रही हैं, उन्हें व्रत और पूजन के दौरान सुहाग की सामग्री मायके से दी गई इस्तेमाल में लानी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा में मायके की सुहाग सामग्री का इस्तेमाल करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- इस दिन आप सुबह स्नान करके लाल रंग की साड़ी धारण करके सोलह सिंगार करें. इसके बाद वट बरगद के पेड़ के नीचे सफाई करके गंगाजल छिड़कें. आपको बता दें कि वट वृक्ष की परिक्रमा करते समय 7 बार धागा लपेटे पेड़ में
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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