Vastu Tips: वास्तु शास्त्र सनातन धर्म के सबसे प्राचीन विज्ञान में शामिल रहा है. घर में वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है जबकि वास्तु दोष (Vastu Dosh) होने पर परेशानियां बढ़ सकती हैं. इस शास्त्र में दिशाओं को बहुत महत्व दिया गया है. खासकर दक्षिण दिशा (South Direction) को लेकर कई दिशानिर्देश हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा से संबंधित कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए. आइए जानते है दक्षिण दिशा से जुड़े कुछ जरूरी नियम.
वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में ना रखने वाली चीजें
दीयापूजा-पाठ या अन्य धार्मिक क्रियाकलाप में दीया जलाना बहुत शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार दीया को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं जलाना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में कई परेशानियां शुरु हो सकती हैं. दीया (Diya) जलाने के लिए उत्तर दिशा सबसे बेहतर मानी जाती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में कुछ चीजें रखने को निषेध किया गया है. दक्षिण दिशा में कभी भी जूते चप्पल नहीं रखने चाहिए. दक्षिण दिशा में जूते चप्पल (Shoes) रखने से पितृ दोष लग जाता है. इसके साथ ही दक्षिण दिशा से इलेक्ट्रानिक वस्तुएं भी नहीं रखनी चाहिए.
पूजा का सामानवास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी पूजाघर दक्षिण दिशा में नहीं बनवानी चाहिए. इस दिशा में पूजाघर होने से उससे शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं और न पूजा-पाठ का कोई लाभ होता है. पूजाघर दक्षिण दिशा मे होने से घर में नकारात्मक एनर्जी का प्रवेश हो सकता है.
तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) को पवित्र माना जाता है और हर घर मे उसकी पूजा होती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को भूलकर भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में कई नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)