सुख, शांति, समृद्धि और किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का व्रत किया जाता है जिसे वैभव लक्ष्मी व्रत कहा जाता है. शुक्रवार के दिन अगर वैभव लक्ष्मी का व्रत किया जाए तो इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती हैं. वैभव लक्ष्मी व्रत (Vaibhav Lakshmi Vrat) स्त्री और पुरुष कोई भी रख सकता है. आप वैभव लक्ष्मी का व्रत 7,11 और 21 शुक्रवार का रखने के बाद अपने व्रत का उद्यापन कर सकते हैं. अगर आप भी वैभव लक्ष्मी का व्रत रख रहे हैं और व्रत की गिनती पूरी होने के बाद उसका उद्यापन करना चाहते हैं, तो जानिए किस तरह वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है.
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इस तरह रखें वैभव लक्ष्मी का व्रत
अगर आप वैभव लक्ष्मी का व्रत करना चाहते हैं तो सबसे पहले व्रत का संकल्प लें और 7, 11 या 21 शुक्रवार तक व्रत रखें. वैभव लक्ष्मी के व्रत की शुरुआत करने के लिए आप किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से इसकी शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन मलमास या खरमास में व्रत की शुरुआत या उद्यापन ना करें. व्रत के दौरान सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Puja) अर्चना करें, साथ ही वैभव लक्ष्मी की कथा पढ़ें और विधि के अनुसार नियम का पालन करें.
जब आपके व्रत की गिनती पूरी हो जाए तो वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन करने के लिए हर शुक्रवार की तरह उद्यापन भी शुक्रवार के दिन ही करें. इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा अर्चना करें, प्रसाद में खीर और पूरी बनाएं. उद्यापन करने के लिए घर में महिलाओं को भोजन पर बुलाएं. उन्हें भोजन ग्रहण करवाने के बाद वैभव लक्ष्मी व्रत की पुस्तक, शगुन के रूप में सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी को खीर बहुत प्रिय है. ऐसे में वैभव लक्ष्मी के उद्यापन के दिन आप मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं. इसके साथ आप हलवा या मिठाई भी बना सकते हैं. मां लक्ष्मी को इन चीजों का भोग लगाने के बाद आप घर में आईं महिलाओं को इसे वितरित करें और अंत में आप भी इसका सेवन करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)