Solar eclipse : साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण (SURYA GRAHAN) इस बार दिपावली की रात को लग रहा है. इसको लेकर लोग असमंजस में हैं आखिर ग्रहण में कैसे कोई शुभ काम होगा. लोगों के दिमाग में इसको लेकर भ्रम और शंका पैदा हो गई है. ऐसे में लोगों के मन में ये भी सवाल है कि क्या गणेश लक्ष्मी की पूजा (GANESH LAKSHMI PUJA) कर पाएंगे दिपावली में. इन्हीं सब सवालों के जवाब हम लेकर आए हैं इस लेख में, तो देर किस बात की चलिए जानते हैं.
दिपावली में कैसे करें पूजा
- इस बार दिपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा देश भर में.दीपावली का पर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होता है. इस बार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 24 अक्टूबर की शाम 4.44 बजे तक रहेगी और इसके बाद अमावस्या लग जाएगी. इस लिहाज से दिपावली 24 अक्टूबर को होगी. आपको बता दें कि खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा, यानी कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को. शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद पड़ने वाला सूर्यग्रहण बहुत प्रभावशाली नहीं होता है. ऐसे में गौरी गणेश की पूजा अर्चना करने में किसी प्रकार का दोष नहीं है.
- भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण 4 बजकर 31 मिनट पर, मध्य 5 बजकर 14 मिनट और मोक्ष 5 बजकर 57 मिनट पर होगा. वहीं सूर्य ग्रहण का सूतक काल 4 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा. आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव इस बार स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर है. ऐसे में इन राशि वालों को ग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए. भारत के अलावा सूर्य ग्रहण ग्रीनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे , यूनाईटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यमन, ओमान, सऊदी अरब, इजिप्ट, इटली, पोलैंड, रोमानिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, टर्की, इराक, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तरी एवं पश्चिमी श्रीलंका, मॉस्को, पश्चिमी रूस, नेपाल व भूटान में दिखेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)