Every part of Lord Ganesha's body gives a special sign: इस समय भगवान गणेश हम सबके बीच 10 दिनों के लिए आए हुए हैं और गणेश उत्सव का पावन त्योहार मनाया जा रहा है. घरों में और पंडालों में गणपति जी (Ganpatiji) की प्रतिमा विराजित की गई है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि गणेश जी का आकार (Ganesha's body) अन्य देवी देवताओं से अलग क्यों होता है और क्या इसके पीछे कोई कारण या महत्व है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गणेश जी का हर अंग हमें क्या संकेत और शिक्षा देता हैं.
गणेश जी के हर अंग का है विशेष महत्व
गणेश जी का बड़ा सिर हमें ये संकेत और शिक्षा देता है कि हमेशा हमें बड़ा सोचना चाहिए और बुद्धि का विकास करना चाहिए.
गणपति जी की छोटी-छोटी आंखें ये सिखाती है कि हमें हमारा ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
गणपति बप्पा का दाहिना हाथ जिसे वो सीधा भक्तों को दिखाते हैं वो उनका आशीर्वाद देना प्रदर्शित करता है.
गणेश जी की सूंड यह शिक्षा देती है कि जो भी बुराई या अच्छाई हो उसे एक्सेप्ट किया जाए.
गणपति जी के बड़े-बड़े कान हमें ये संकेत देते हैं कि हमें ज्यादा बोलने की जगह ज्यादा सुनना चाहिए.
वहीं, गणपति जी का छोटा सा मुख हमें ये शिक्षा देता है कि हमें कम और थोड़ा बोलना चाहिए.
गणपति जी का एक दांत हमें यह शिक्षा देता है कि हमें बुराइयों को तोड़ देना चाहिए और अच्छाई को स्वीकार करना चाहिए.
घर पर कैसी गणपति बप्पा की मूर्ति रखें
जब घर में गणपति जी विराजित करने की बात आती है तो सिंदूरी रंग के गणेश जी आत्मविश्वास और सफलता का प्रतीक होते हैं. वहीं, चांदी के गणेश जी की प्रतिमा प्रसिद्धि और सफलता लाती है. घर पर आमतौर पर सबसे अच्छी मूर्ति पीतल की मानी जाती है, क्योंकि ये अपार सफलता और समृद्धि का प्रतीक होती है. आप गणेश जी की बैठी हुई मूर्ति घर पर ला सकते हैं. इस प्रतिमा को घर के ईशान कोण में रखना शुभ माना जाता है, लेकिन खड़े हुए गणपति जी की प्रतिमा घर पर नहीं लानी चाहिए.