Belpatra in Astrology: सावन का महीना चल रहा है. इस पवित्र महीने में भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. सावन (Sawan 2022) मास में भगवान शिव को बेलपत्र (Belpatra) चढ़ाने का खास महत्व है. मान्यतानुसार, भोलेनाथ को बेलपत्र बेहद प्रिय है. मान्यता है कि सावन में शिवजी को बेलपत्र अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. बेलपत्र तोड़ने और चढ़ाने के खास नियम बताए गए हैं. सावन में भगवान शिव को विधिपूर्वक बेलपत्र अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि सावन में बेलपत्र तोड़ने, चढ़ाने और इसके महत्व के बारे में.
बेलपत्र तोड़ने के ये हैं नियम
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में बेलपत्र (Belpatra) तोड़ने के लिए खास नियम का उल्लेख किया गया है. ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. इसके अलावा संक्रांति और सोमवार को भी बेलपत्र तोड़ने से परहेज किया जाता है. इताना ही नहीं, बेलपत्र को कभी भी टहनी समेत नहीं तोड़ना चाहिए.
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बेलपत्र चढ़ाने के ये हैं नियमभगवान शिव (Lord Shiva) को बेलपत्र हमेशा अनामिका, मध्यमा और अंगूठे की मदद से चढ़ाए जाने चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव जी को बेलपत्र चढ़ाने के बाद जल अवश्य अर्पित करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बेलपत्र कभी भी बासी नहीं होता है. अगर ताजा बेलपत्र उपलब्ध ना हो तो पहले तोड़े हुए बेलपत्र भी चढ़ाया जा सकता है. इसके शिव पूजन से मिलने वाले लाभ में कोई अंतर नहीं होता है. शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने से पहले उसे साफ जल में धो लेना चाहिए.
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्
त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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