Masik Durgashtmi 2022: मासिक दुर्गाष्टमी पर बन रहा है विशेष संयोग, गुप्त नवरात्रि का भी रहेगा शुभ प्रभाव, जानें पूजा विधि

Masik Durgashtmi 2022: मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन खास संयोग बन रहा है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है.

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Masik Durgashtmi 2022: मासिक दुर्गाष्टमी 07 जुलाई, गुरुवार को पड़ रही है.

Masik Durgashtmi 2022: मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत मां दुर्गा (Maa Durga) का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बेहद खास माना जाता है. इस बार मासिक दुर्गाष्टमी गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) के दौरान पड़ रही है. ऐसे में इस दुर्गा अष्टमी व्रत (Masik Durgashtmi Vrat) का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है. मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 07 जुलाई, गुरुवार को रखा जाएगा. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की उपासना से जीवन में सकारात्मकता आती है. साथ ही मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 

मासिक दुर्गाष्टमी पर बना रहा है विशेष संयोग

इस बार की आषाढ़ मास की दुर्गाष्टमी (Durgashtmi) पर विशेष संयोग बन रहा है. दरअसल इस दिन गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की आष्टमी भी पड़ रही है. गुप्त नवरात्रि का व्रत गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए रखा जाता है. माना जा रहा है कि गुप्त नवरात्रि के बीच मासिक दुर्गाष्टमी पड़ने से साधकों के मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.

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मासिक दुर्गाष्टमी तिथि | Masik Durgashtmi 2022 Date

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 जुलाई, बुधवार को 10 बजकर 18 मिनट पर होगी. जबकि अष्टमी तिथि की समाप्ति 7 जुलाई को, गुरुवार को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर होगी. दुर्गाष्टमी का व्रत 7 जुलाई को रख जाएगा. 

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मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि | Masik Durgashtmi Puja Vidhi

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtmi) गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को पड़ रही है. ऐसे में इस दिन मां दुर्गा की उपासना के विशेष लाभ प्राप्त होगा. इस दिन मां दुर्गा की पूजा के लिए सुबह स्नान के बाद माता का गंगाजल से अभिषेक करें. मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसके बाद मां दुर्गा को अक्षत, लाल फूल, सिंदूर और फूल की माला अर्पित करें. प्रसाद के तौर पर फल और मिठाई अर्पित करें. इसके बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. मां दुर्गा की आरती करें. पूजन समाप्ति के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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