हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि अत्यधिक महत्व रखती है. चैत्र माह में 8 अप्रैल, सोमवार के दिन अमावस्या पड़ रही है. सोमवार के दिन पड़ने के चलते इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है. सोमवती अमावस्या को बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं अमावस्या पर यदि स्नान और दान किया जाए तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन पितरों का तर्पण भी शुभ होता है. माना जाता है कि पितरों का तर्पण ना करने पर पितृ नाराज हो सकते हैं. जब पितृ नाराज होते हैं तो घर-परिवार पर संकट आने लगते हैं और आर्थिक संकटों से भी गुजरना पड़ता है. माना जाता है कि पितृ दोष (Pitra Dosh) लगने पर पारिवारिक सुख-शांति भी भंग हो जाती है और घर में तनाव का माहौल बना रहता है. ऐसे में इस बात को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है कि पितृ नाराज ना हो जाएं और प्रसन्न रहें. पितरों को खुश करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए कुछ चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है.
- सोमवती अमावस्या के दिन श्रद्धापूर्वक कपड़ों को दान में दिया जा सकता है. जरूरतमंदों और गरीबों को कपड़े देना अत्यधिक महत्वपूर्ण कहा जाता है.
- पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए तिल का दान (Donation) करना भी शुभ होता है. अमावस्या पर काले तिल का दान किया जा सकता है. काले तिल दान में देने पर कुंडली से बुरे ग्रहों का असर भी कम होता है. कहते हैं इससे घर पर सुख-समृद्धि भी आती है.
- सोमवती अमावस्या के दिन चांदी से बनी चीजों का भी दान किया जा सकता है. चांदी का दान करने पर पितृ प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद घर-परिवार पर बनाकर रखते हैं.
- भोजन के दान को भी शुभ कहा जाता है. गरीबों और जरूरमंदों का पेट भरना पुण्य का काम कहा जाता है. ऐसे में भोजन को दान में दिया जा सकता है.
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. जो लोग पवित्र नदियों के आसपास नहीं रहते हैं वे घर में ही बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान कर लेते हैं. सोमवार के दिन पड़ने के चलते सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव का पूजन भी किया जाता है. इस दिन भोलेनाथ के समक्ष फल, फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा अर्पित करके पूजन किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)