16 सोमवार का व्रत कब से शुरू कर सकते हैं? कौन सा महीना होता है उत्तम, जानिए पंडित से सही विधि

इस व्रत का संकल्प लेने का उत्तम महीना कौन सा होता है, इसकी विधि क्या है, इसकी सारी जानकारी दे रहे हैं पंडित अंशुल त्रिपाठी.

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यह माह व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है.

16 somwar puja Vidhi : 16 सोमवार का व्रत मुख्य रूप से कुंआरी लड़कियां या विवाहित स्त्रियां रखती हैं. कुंआरी लड़कियां मनचाहे वर के लिए और शादी-शुदा महिलाएं दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए करती हैं. यह व्रत करने से महादेव और देवी पार्वती दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. लेकिन इस व्रत का संकल्प (solah somvar vrat ka sankalp kaise karen) लेने का उत्तम महीना कौन सा होता है, इसकी विधि क्या है, इसकी सारी जानकारी दे रहे हैं पंडित अंशुल त्रिपाठी.

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सोलह सोमवार व्रत का संकल्प कब करें - When to take a pledge for the sixteen Monday fast

पंडित अंशुल त्रिपाठी बताते हैं कि सोलह सोमवार व्रत उठाने का उत्तम समय श्रावण मास होता है. इस साल श्रावण मास की प्रतिपदा तिथि 11 जुलाई की रात 11:07 मिनट से आरम्भ होकर 12 जुलाई की रात 2:08 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 11 जुलाई दिन शुक्रवार से सावन माह की शुरुआत मानी जाएगी. वहीं, 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा के साथ यह महीना समाप्त हो जाएगा.

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सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है. इस दिन से आप 16 सोमवार व्रत का संकल्प लेकर शुरु कर सकती हैं. यह व्रत आरंभ करने से पहले संकल्प जरूर लीजिए, इस बात का विशेष ध्यान रखिए. 

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सावन के महीने में 16 सोमवार का व्रत शुरु करना विशेष फलदायी होता है, क्योंकि श्रावण मास शिव जी को बहुत प्रिय है . इस दौरान सही विधि से पूजा करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. संतान सुख, दांपत्य जीवन में खुशहाली और घन आदि का लाभ होता है. 

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सोलह सोमवार व्रत विधि - Solah somwar vrat puja vidhi 

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करिए. फिर आप पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करिए. 
  • शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं फिर दूध से नहलाएं. इसके बाद शुद्ध जल से धोकर साफ कर लीजिए. 
  • अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतुरा, सफेद पुष्प, भस्म, मिठाई और गाय का दूध अर्पित करिए. 
  • पूजन के दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का 108 मंत्र जाप करें या फिर आप शिव के 108 नाम भी जप सकते हैं. 
  • अब आप शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिव आरती के साथ पूजा का समापन करें.
  • पूजा के अंत में हाथ जोड़कर भगवान शिव से अपने और परिवार की सुख-समृद्धि और शांति की कामना करिए.

सोलह सोमवार का महत्व - Solah sonwar vrat significance

सावन के महीने में दान आदि करने से भी शिव जी प्रसन्न होते हैं.  इस समय ध्यान, जप, व्रत और दान करने से आत्मिक शुद्धि होती है और पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं. यह माह व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है.

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