Sharad Purnima 2023: कब है शरद पूर्णिमा, जानें पूजा का मुहूर्त और महत्व

Sharad Purnima: आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
Sharad Purnima Date: इस दिन पड़ रही है शरद पूर्णिमा.

Sharad Purnima 2023: आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. इसे कोजागिरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा और पूनम पूर्णिमा भी कहते हैं. आश्विन पूर्णिमा को वर्ष भर की पूर्णिमाओं में श्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) भ्रमण को निकलती हैं और जिनके घर साफ-सुथरे और दरवाजे खुले होते हैं, वहां प्रवेश करती हैं. इस पूर्णिमा के चंद्रमा की रोशनी के साथ अमृत वर्षा होती है. इसलिए मान्यतानुसार इस दिन चंद्रमा के प्रकाश में खीर (Kheer) रखकर खाई जाती है. आइए जानते हैं कब है शरद पूर्णिमा, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.

Grahan 2023: अक्टूबर के महीने में लगने जा रहे हैं 2 ग्रहण, जानिए तिथि, समय और सूतक के बारे में

कब है शरद पूर्णिमा | Sharad Purnima Date 

इस वर्ष आश्विन माह की पूर्णिमा 28 अक्टूबर, शनिवार को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू और 29 अक्टूबर रविवार को रात्रि 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगी. इसलिए शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जाएगी. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय 5 बजकर 20 मिनट पर होगा. 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा व्रत, कोजागिरी और लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja) की जाएगी. 

Advertisement
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त 

शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी पूजा के तीन मुहूर्त हैं. रात 8 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 29 मिनट तक शुभ उत्तम मुहूर्त, 10 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 5 मिनट तक अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त और 12 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 41 मिनट तक सामान्य मुहूर्त है.

Advertisement
शरद पूर्णिमा का महत्व 

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है जिसके कारण आसमान से अमृत की वर्षा होती है. इस दिन खीर बनाकर उसे खुले आसमान के नीचे रखते हैं ताकि चंद्रमा की किरणों के साथ अमृत के गुण खीर में आ जाएं. इस खीर को सेहत के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है. शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा और देवी लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है और धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा के दिन महारास रचाया था इसलिए इसे रास पूर्णिमा (Raas Purnima) भी कहते हैं.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
NDTV Best Of Election Carnival में देखिए जनता के सवाल पर नेता जी के जवाब
Topics mentioned in this article