Shani ka kundali me prabhav : कुंडली के सातवें भाव में शनि का प्रभाव कुछ खास अच्छा नहीं माना जाता. इस भाव में शनि के प्रभाव से कार्य और व्यापार में परेशानी हो सकती है. हालांकि, इस भाव में शनि के कुछ सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. इस भाव में शनि व्यक्तिगत जीवन पर भी अच्छे प्रभाव नहीं देते. शनि इस भाव में विवाहेत्तर संबंधों को भी जन्म दे सकते हैं. हालांकि, विवाह के बाद अंतरंग संबंधों में भी इनकी खास रूचि देखने को नहीं मिलती है. सातवें भाव में शनि शश योग भी आते हैं. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन बेहतर होता है.
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शनि के सकारात्मक प्रभाव
इस भाव में शनि के सकारात्मक प्रभाव की बात करें, तो व्यक्ति में धैर्य और सत्यनिष्ठा हो सकती है.जातक अपने रिश्तों के साथ ही सामाजिक दायित्वों के प्रति भी गंभीर होता है. व्यक्ति अनुशासित जीवन जीता है. इसके साथ ही वह अपने परिवार के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन व्यतीत करता है. इनमें अपने कार्य के प्रति भी जुनून देखने को मिलता है.
शनि के नकारात्मक प्रभाव
शनि के नकारात्मक प्रभाव की बात करें, तो नौकरी और बिजनेस में परेशानी के साथ ही व्यक्ति को आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. शनि का प्रभाव आपकी सेहत पर देखने को मिलता है. सेहत अच्छी नहीं रहती और अक्सर बीमारियों का खतरा बना रह सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
इस भाव में शनि का प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर भी देखने को मिलता है. शनि के कारण आपके विवाह में विलंब हो सकता है. विवाह के बाद आपके वैवाहिक जीवन में भी तनाव हो सकता है. संतान होने में भी विलंब होता है. हालांकि इस भाव में शनि के प्रभाव के कारण विवाह से धन लाभ होता है. कई बार दो विवाह की भी संभावना हो सकती है. इतना ही नहीं आपके रोमांटिक जीवन पर भी शनि का प्रभाव देखने को मिलता है. पार्टनर के साथ झगड़े भी होते हैं.