Lord Shani Dev: सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. इसी क्रम में शनिवार का दिन शनि देव (Shani Dev) की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है. इस दिन विधि-विधान से शनि देव का पूजन और व्रत किया जाता है. मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव की पवित्र मन से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी काल, कष्ट, दुख और दर्द दूर हो जाते हैं व सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. इतना ही नहीं कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति पर चल रही कुदृष्टि के प्रभाव भी कम हो जाते हैं. कहा जाता है कि शनि देव के प्रकोप से इंसान ही क्या देवता भी डरते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि शनि देव इंसान के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही उसे फल देते हैं. कहा जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर शनि देव अपनी कृपा बनाए रखते हैं. वहीं, बुरे कर्म करने वालों को शनि देव दंडित करते हैं.
माना जाता है कि शनिदेव भगवना श्री कृष्ण के अन्नय भक्त हैं, इसीलिए कहा जाता है कि भगवना श्री कृष्ण की भक्ति से शनि संबंधी दोष दूर हो जाते हैं. शनिवार के दिन शनि देव की कृपा और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त पूजा के समय विधि-विधान से इनके इन मंत्रों का जाप करते हैं.
शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
शनि देव पूजा विधि | Shani Dev Puja Vidhi
- शनि देव की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में उठें.
- शनिदेव को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें.
- स्नान करते समय जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
- अंजलि में जल रखकर आमचन कर खुद को शुद्ध करें.
- पूजन के समय काले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.
- शनि मंदिर जाकर शनि देव की विधि-विधान से पूजा करें.
- एकाग्र होकर शनि मंत्रों का जाप अवश्य करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)