Pradosh Vrat In May 2024: हर माह में भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. यह व्रत माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से भक्तों को जीवन से सभी कष्टों का निवारण होता है और हर इच्छा पूरी हो जाती है. इस माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत विशेष रूप से प्रभावशाली होने वाला है. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
शरीर के इन दो हिस्सों में महसूस हो दर्द तो समझ जाइए लिवर हो रहा खराब, तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
मई का दूसरा प्रदोष व्रत( Date of Second Pradosh Vrat in May)
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अनुसार 5 मई को माह का पहला प्रदोष व्रत रखा गया था. रविवार होने के कारण यह रवि प्रदोष व्रत था. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को आ रही है और सोमवार होने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत होगा. सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित दिन है इसलिए सोम प्रदोष को बहुत प्रभावकारी होगा.
सोम प्रदोष व्रत का मुहूर्त (Muhurat of Som Pradosh Vrat in May)
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को 3 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 21 मई को शाम 5 बजकर 39 मिनट तक है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में होती है इसलिए व्रत 20 मई को रखा जाएगा.
सोम प्रदोष व्रत का महत्व (Significance 0f Som Pradosh Vrat)
वैसे तो शिव भगवान की अराधना के लिए किया जाने वाला प्रदोष व्रत को सभी तरह के सुखों का दाता और परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाला बताया गया है लेकिन सोम प्रदोष व्रत का संबंध भगवान शिव के साथ चंद्रमा से भी होता है. सोम प्रदोष का व्रत रखने से जहां भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है वहीं चंद्र देव की कृपा से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है. जिन लोगों की कुंडली मे चंद्र दोष हो उन्हें सोम प्रदोष का व्रत रखने से लाभ हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
गर्मियों में भी फटने लगी हैं एड़ियां, तो जानिए इसका कारण और घरेलू उपचार