क्‍या रक्षाबंधन के द‍िन रखना चाहिए सावन के आखिरी सोमवार का व्रत, जानें क्या है नियम

इस बार सावन में पांच सोमवार पड़े. 19 अगस्त यानी कि जिस दिन सावन का आखिरी सोमवार है उसी दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी है. ऐसे में कई लोगों को इस बात को लेकर कंफ्यूजन है कि क्या रक्षाबंधन के दिन भी सोमवार का व्रत रखना होगा या नहीं.

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Rakshabandhan 2024 : इस साल सावन (Sawan) महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से हुई और इसका आखिरी दिन भी सोमवार है. सावन के महीने में कुंवारी कन्याएं भगवान भोलेनाथ (lord shiva) की आराधना करती हैं और मनचाहा वर पाने के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं. इस बार सावन में पांच सोमवार पड़े. 19 अगस्त यानी कि जिस दिन सावन का आखिरी सोमवार है उसी दिन रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्यौहार भी है. ऐसे में कई लोगों को इस बात को लेकर कंफ्यूजन है कि क्या 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन भी सोमवार का व्रत रखना होगा या नहीं, आइए जानते हैं.

सावन महीने की समाप्ति सावन पूर्णिमा के दिन होती है. इस श्रावण पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस, रक्षाबंधन, नारली पूर्णिमा और गायत्री जयंती का त्यौहार है. इस बार बहुत दुर्लभ संयोग है कि सावन के महीने का अंत भी सोमवार के दिन हो रहा है. ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सावन के आखिरी सोमवार यानी 19 तारीख को रक्षाबंधन है. उस दिन व्रत रखा जाना चाहिए, कोई भी व्रत रख सकता है. अगर आप रक्षाबंधन के दिन पड़ने वाले सोमवार का व्रत नहीं रखते हैं, तो सावन के सोमवार का व्रत रखने का फायदा नहीं मिलेगा.

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रक्षाबंधन पर कब है राखी बांधने का सही समय

रक्षाबंधन 19 अगस्त को है. इस दिन सुबह 3:44 पर रक्षाबंधन के त्यौहार की शुरुआत होगी और यह देर रात 11:55 पर समाप्त होगा. इस साल सुबह राखी बांधने का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि उस समय भद्राकाल है. भद्राकाल का समय सुबह 5:30 पर शुरू होगा और दोपहर 1:32 पर समाप्त होगा. यानी अगर राखी बंधवानी है तो भद्राकाल के बाद ही राखी बंधवाएं. राखी बांधने का समय दोपहर 1:32 से शुरू होकर शाम 4:20 तक है.

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क्यों रखते हैं सावन के सोमवार का व्रत?

जैसा कि सभी जानते हैं सावन का महीना शिव और माता पार्वती के साथ जुड़ा है. पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि इस महीने, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, उन्होंने व्रत किया था. इसी वजह से सावन का महीना भगवान शिव का बेहद प्रिय महीना माना जाता है. भक्ति मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, पुष्प अर्पित करते हैं एवं अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए उनसे आशीर्वाद मांगते हैं.

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