भगवान श‍िव और भक्‍त रावण की भक्‍त‍ि का प्रतीक है कांवड़ यात्रा, जान‍िए इससे जुड़ी यह खास मान्‍यता

Kanwar 2025 : सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दौरान भक्त कांवड़ यात्रा निकाल कर शिव की आराधना करते हैं. चलिए जानते हैं इस यात्रा के पीछे का रहस्य आखिर क्या खास है इस यात्रा में.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Story Behind Kanwar Yatra: आखिर क्या है कांवड़ यात्रा के पीछे की मान्‍यता.

Kanwar Yatra 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है. यह महीना न सिर्फ भक्ति और श्रद्धा से भरा होता है, बल्कि हर एक शिव भक्त के लिए एक भक्‍ति‍मय यात्रा का भी प्रतीक है. इस दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) पर निकलते हैं. यह एक ऐसी यात्रा है, जो शरीर और मन दोनों के मेल के साथ की जाती है. इस यात्रा का हिस्सा बनने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. इस यात्रा को काफी शुभ माना जाता है (spiritual significance).

Khushi Kapoor ने बताई कॉस्मेटिक सर्जरी कराने की वजह, कहा इस वजह से बदला अपना ऑरिजनल लुक

कांवड़ में दूर-दूर से पवित्र नदियों, खासकर गंगा का जल भरकर लाते हैं. इसे पैदल यात्रा करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. इस संकल्प यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण होता है कांवड़ को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना. यह कोई साधारण परंपरा नहीं है. इसके पीछे गहराई से जुड़ी हुई पौराणिक मान्यताएं छुपी हुई हैं.

पौराणिक कथा

कांवड़ यात्रा के जन्म को लेकर कई कहानियां काफी मशहूर हैं, लेकिन सबसे ज्यादा सुनी हुई कथा रावण से जुड़ी है. मान्‍यता के अनुसार लंकापति रावण भगवान शिव के परम भक्त थे. एक बार रावण ने अहंकार में आकर कैलाश पर्वत को उठाने का प्रयास किया. इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए. अपनी गलती का एहसास होने पर रावण ने उन्हें शांत करने के लिए गंगाजल से अभिषेक करने का संकल्प लिया. रावण ने गंगा मां का पवित्र जल एक विशेष प्रकार की कांवड़ में भरकर अपने कंधों पर रखा और पैदल ही शिव धाम पहुंचा गए. ऐसा माना जाता है कि यहीं से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई. आज भी उसी आस्था के साथ भक्त गंगाजल लेकर अपने कंधों पर कांवड़ उठाते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं.

Advertisement

कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धर्म से जुड़ी यात्रा नहीं है. यह यात्रा आत्मा की शुद्धि और अपने आप को भगवान के चरणों में समर्पित करने की यात्रा है. कहा जाता है कि इस पवित्र यात्रा को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही भगवान शिव की कृपा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है.

Advertisement

                                                                                                                       प्रस्तुति: इशिका शर्मा

Advertisement

Featured Video Of The Day
Agra Conversion Case: ईसाई से मुस्लिम बना Abdul Rehman के धर्मांतरण का भंडाफोड़
Topics mentioned in this article