Sawan Kanwar Yatra 2022 Date: सावन की कांवड़ यात्रा कब से होगी शुरू, अभी से कर लें तैयारी, ये हैं जरूरी नियम

Sawan Kanwar Yatra 2022 Date: सावन की कांवड़ यात्रा शिवजी के भक्तों के लिए बेहद खास होती है. इस बार कांवड़ यात्रा की शुरुआत 14 जुलाई से होने वाली है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Sawan Kanwar Yatra 2022 Date: सावन में कांवड़ यात्रा के खास नियम हैं.

Sawan Kanwar Yatra 2022 Date: शिवजी को प्रिय सावन (Sawan 2022) का महीना इस साल 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस बार सावन 12 अगस्त तक चलेगा. सावन के पवित्र महीने में इस बार चार सोमवार (Sawan Somvar) पड़ेंगे. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ेगा. वहीं सावन का अंतिम सोमवार 15 अगस्त को है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सावन के प्रत्येक सोमवार पर जल और बेलपत्र के भगवान शिव (Lord Shiv) का अभिषेक किया जाता है. बोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन में कांवड़ यात्रा (Sawan Kanwar Yatra) भी करते हैं. इस बार कांवड़ यात्रा 14 जुलाई से शुरू होने वाली है. इस दौरान शिवजी के भक्त गंगा नदी के जल भरकर शिव मंदिर पहुंचते है और वहां महादेव का गंगाजल से अभिषेक करते हैं. आइए जानते हैं कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) से जुड़े जरुरी नियम.


 

कितनी तरह की होती हैं कांवड़ यात्रा | Types of Sawan Kanwar Yatra

खड़ी कांवड़ यात्रा- भगवान शिव के कई भक्त सावन में खड़ी कांवड़ यात्रा करते हैं. इस कांवड़ यात्रा में श्रद्धालु सहयोगी की मदद से कांवड़ यात्रा करते हैं. इस दौरान जब कांवड़ लाने वाला भक्त आराम करता है तो उसका सहयोगी कांधे पर कांवड़ लिए खड़ा रहता है. 

30 जून तक ग्रहों में बड़ा बदलाव, इन राशियों की चमक सकती है किस्मत!

डाक कांवड़-  यह कांवड़ सबसे मुश्किल कांवड़ मानी जाती है. डाक कांवड़ यात्रा में भक्त एक निश्चित समय अवधि में अपनी कांवड़ यात्रा पूरी करते हैं. भक्त तय समय अवधि में हरिद्वार के जल भरकर शिवजी का जलाभिषेक करते हैं. आमतौर पर डाक कांवड़ 12, 14, 16, 18, 20 या इससे अधिक घंटे की होती है. इस दौरान भक्त तय समय में ही शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं. डाक कांवड़ यात्रा में भक्त हरिद्वार से जल भरकर दौड़ते हुए शिव मंदिरों में पहुंचते हैं. डाक कांवड़ यात्रा में चलने वाला श्रद्धालु अगर रुक जाए या उसके हाथ से कांवड़ छूट जाए तो यात्रा खंडित मानी जाता है. 

Advertisement

झूला कांवड़- सावन में अधिकांश भक्त झूला कावड़ यात्रा करते हैं. इस कांवड़ यात्रा में बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी आसानी से कांवड़ यात्रा करती हैं. इस कांवड़ यात्रा की खासियत यह है कि इसे स्टैंड या पेड़ पर रखकर कुछ देर आराम कर किया जा सकता है. इस कांवड़ यात्रा में आराम या भोजन करने के बाद पुनः शुद्ध होना पड़ता है. 

Advertisement

Sawan 2022: इस दिन से शुरू हो रहा है सावन का पवित्र महीना, शिव जी इन राशियों पर मेहरबान, जानें सोमवार की तिथियां

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

ये 5 बुरी आदतें बनाती हैं हड्डियों को कमजोर, आज से ही करना छोड़ दें ये काम

Featured Video Of The Day
Russia ने जीती Cancer से जंग? तैयार की कैंसर को हराने की Vaccine, बता रहे हैं Umashankar Singh