Sawan 2022: सावन का महीना शुरू हो गया है जो कि 12 अगस्त 2022 तक चलेगा. सावन (Sawan 2022) के पवित्र महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) के भक्त पूरी निष्ठा से व्रत रखकर भोलेनाथ (Bholenath) की पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यतानुसार भगवान शिव की पूजा (Sawan Shiv Puja Vidhi) में कुछ नियमों का खास तौर से पालन किया जाता है. कहा जाता है कि नियमपूर्वक शिवजी की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होता है. वहीं गलत ढंग से शिवजी की पूजा करने पर पूजन का वास्तविक फल नहीं मिलता है. अधिकांश शिव भक्त सावन के सोमवार का व्रत (Sawan Somvar Vrat) रखते हैं और उस दिन भक्ति-भाव से शिवजी की उपासना करते हैं. शास्त्रों में सावन सोमवार व्रत की पूजा (Sawan Somvar Vrat Puja) के लिए भी खास नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि सावन मास में शिवजी की पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए.
सावन सोमवार पूजा विधि | Sawan Somvar Puja Vidhi
सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती, भगवान गणेश, नंदी और कार्तिकेय की पूजा भी की जाती है. ऐसे में प्रत्येक शिव भक्त को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
सावन सोमवार की पूजा में जल, गंगाजल, अक्षत, पंचामृत, दूध, दही, घी, शक्कर, चंदन, रोली, बेलपत्र, जनेऊ, वस्त्र, आक के फूल, धतूरा, कमल फूल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंच मेवा, पान, धूप, दीप इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें से अधिक से अधिक जो संभव हो सके उनका इस्तेमाल शिवकी पूजा में करना चाहिए.
धार्मिक मान्यतानुसार, सावन सोमवार के व्रत में 16 सोमवार व्रत कथा का पाठ करना और सुनना शुभ माना गया है. इसके अतिरिक्त शिव पुराण, शिव चालीसा का पाठ और शिवजी के मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी होता है.
सावन में जो भक्त सोमवार का व्रत रखते हैं, उन्हें एक समय ही भोजन करना चाहिए. ऐसी धार्मिक मान्यता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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