Sawan 2022: सावन मास में शिवमय रहता है झारखंड का देवघर, जानें क्या होता है खास

Sawan 2022: झारखंड के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूरे सावन भर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कामना लिंग कहा जाता है. मान्यता है कि सावन में बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है.

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Sawan 2022: सावन में पूरे एक महीन तक बाबा बैद्यनाथ धाम शिवमय बना रहा है.

Baidyanath Temple Deoghar: सावन का पावन महीना चल रहा है. इस पवित्र महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. दरअसल सावन मास में शिवजी की पूजा-आराधना और व्रत का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने की गई पूजा-अर्चना से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को मनोकामना पूरी करते हैं. सावन में शिवजी के प्रसिद्ध मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है. झारखंड का बैद्यनाथ धाम (Baidyanath Dham) एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है. यहां स्थापित शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. सावन मास (Sawan Month) में यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं और बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं. झारखंड का बैद्यनाथ धाम मंदिर का इतना अधिक महत्व क्यों है, इसके बारे में जानते हैं. 

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है बैद्यनाथ धाम 

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिगों में से 9वां ज्योतिर्लिंग है. यह ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इसकी स्थापना भगवान विष्णु ने की थी. वैस तो पूरे साल यहां पर ज्योतिर्लिंग की पूजा के लिए भक्त आते रहते हैं, लेकिन सावन मास में भक्तों का तांता लगा रहता है. इसके अलावा सावन मास में कांवड़िया भक्त सुलतानगंज से से कांवड़ में जल भरकर पांव पैदल 105 किलोमीटर की दूरी तय कर बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं. मान्यता है कि सावन मास में बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पित करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. यही वजह है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कामना लिंग कहा जाता है.

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देवघर में हर साल होता है श्रावणी मेले का आयोजन और कांवड़ यात्रा

बाबा बैद्यनाथ की पवित्र नगरी देवघर में प्रत्येक साल सावन मास में श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है. श्रावणी मेला विश्व का एकमात्र ऐसा मेला है जो कि पूरे एक महीने तक चलता है. इसके अलावा देवघर के कांवड़ यात्रा का भी बेहद खास महत्व है. सावन मास की कांवड़ यात्रा में देश के अलग-अलग हिस्सों से शिव भक्त कांवड़ में जल लेकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. कांवड़ यात्रा में भक्त सुलतानगंज से 105 किलोमीटर की दूरी तय कर देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं. फिर अपने कांवड़ का जल शिवजी को अर्पित करते हैं. माना जाता है कि भक्तों को कठोर तप और परिश्रम से बाबा बैद्यनाथ प्रसन्न होते हैं. साथ ही भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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