Rohini Vrat 2021: जैन धर्म में बेहद खास होता है रोहिणी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subh Muhurat: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दिन सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र पड़ता है, उस दिन रोहिणी व्रत किया जाता है. हर साल 12 रोहिणी व्रत होते हैं, जिसका पारण रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर मार्गशीर्ष नक्षत्र में किया जाता है. आज के दिन (27 सितंबर, सोमवार) जैन समुदाय के लोग रोहिणी व्रत करते हैं. इस व्रत महत्व जैन समुदाय के लिए अत्याधिक माना गया है.

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Rohini Vrat 2021: आज है रोहिणी व्रत, जानिये शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्ली:

Rohini Vrat 2021 Date: रोहिणी व्रत (Rohini Vrat) का जैन समुदाय में बेहद खास महत्व है. रोहिणी नक्षत्र के दिन होने के कारण इसे रोहिणी व्रत कहा जाता है. इस व्रत का पारण रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर मार्गशीर्ष नक्षत्र में किया जाता है. हर वर्ष 12 रोहिणी व्रत आते हैं. धार्मिक मान्यताओें के अनुसार, 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र रोहिणी भी है. हर महीने (rohini vrat days) यह व्रत किया जाता है. आमतौर पर रोहिणी व्रत (Rohini Vrat Kab Hai) का पालन 3, 5 या फिर 7 वर्षों तक लगातार किया जाता है. रोहिणी व्रत की उचित अवधि 5 वर्ष, 5 महीने है. उद्यापन के द्वारा ही इस व्रत का समापन किया जाना चाहिए. यह व्रत उस दिन किया जाता है जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद प्रबल होता है.

27 दिनों में एक बार होता है रोहिणी व्रत

रोहिणी व्रत रोहिणी नक्षत्र में ही किया जाता है और इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है. यह व्रत हर महीने पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. जैन धर्म में मान्यता है कि इस व्रत को पुरुष और स्त्रियां दोनों कर सकते हैं. स्त्रियों के लिए यह व्रत अनिवार्य है. इस व्रत को कम से कम 5 महीने और अधिकतम 5 साल तक करना चाहिए. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरे विधि विधान से रोहिणी व्रत करती हैं. ये व्रत हर 27 दिनों में एक बार होता है.

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रोहिणी व्रत पूजा विधि (Rohini Vrat Puja Vidhi)

  • रोहिणी नक्षत्र के आकाश में प्रकट होने के बाद व्रत शुरू होता है.
  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ सफाई करें.
  • इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान से निवृत होकर व्रत संकल्प लें.
  • इसके बाद आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें.
  • अब सबसे पहले सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य दें.
  • कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी किया जाता है.
  • गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है
  • जैन धर्म में रात्रि के समय भोजन करने की मनाही है.
  • मृगशिरा नक्षत्र के आकाश में उदय होने पर व्रत समाप्त हो जाता है.
  • अतः इस व्रत को करने समय फलाहार सूर्यास्त से पूर्व कर लेना चाहिए.
  • रोहिणी व्रत का समापन उद्यापन से करना चाहिए.

रोहिणी व्रत की तिथि और समय (Rohini Vrat Date And Time)

  • प्रारंभ- 26 सितंबर, 2021, दोपहर 02:33 बजे से.
  • समाप्ति- 27 सितंबर, 2021 शाम 05:42 बजे.
  • सूर्योदय- 06:11 प्रात:
  • सूर्यास्त- 06:11 सायं.

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मासिक रोहिणी व्रत 2021 (Rohini Vrat 2021 Date)

  • 16 अप्रैल- शुक्रवार रोहिणी व्रत
  • 13 मई- बृहस्पतिवार रोहिणी व्रत
  • 10 जून, बृहस्पतिवार रोहिणी व्रत
  • 07 जुलाई, बुधवार रोहिणी व्रत
  • 03 अगस्त, मंगलवार रोहिणी व्रत
  • 31 अगस्त, मंगलवार रोहिणी व्रत
  • 27 सितंबर, सोमवार रोहिणी व्रत
  • 24 अक्टूबर, रविवार रोहिणी व्रत
  • 20 नवंबर, शनिवार रोहिणी व्रत
  • 18 दिसंबर, शनिवार रोहिणी व्रत
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