Shani Amavasya 2022 Special Yog: भाद्रपद मास की अमावस्या 27 अगस्त, शनिवार को पड़ रही है. इस दिन शनैश्चरी अमावस्या (Shani Amavasya) का खास संयोग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार ऐसा 14 साल बाद हो रहा है जब भाद्रपद मास में शनि अमावस्या (Bhadrapada Shani Amavasya) का दुर्लभ संयोग बना रहा है. इसके बाद ऐसा संयोग दो साल बाद यानी 2025 में बनेगा. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक यह संयोग इस वजह से भी खास है क्योंकि इस दिन शनि देव (Shani Dev) अपनी ही राशि मकर में विराजमान रहेंगे. आइए जानते हैं भाद्रपद मास की अमावस्या पर बनने वाले दुर्लभ संयोग के बारे में.
शनि अमावस्या का महत्व | Significance of Shani Amavasya 2022
पुराणों में शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या का खास महत्व बताया गया है. पद्म और स्कंद पुराण के मुताबिक शनि अमावस्या पर तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं. साथ ही इस दिन किया गया दान यज्ञ के बराबर पुण्यदायी होता है. इसके अलावा इस दिन पतरों के निमित्त श्राद्ध करने पर पूरे साल पितृ देव प्रसन्न रहते हैं.
14 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग | Shani Amavasya 2022 Special Yog
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनिवार को अमावस्या तिथि पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या कहा जाता है. 27 अगस्त को पड़ने वाली अमावस्या साल 2022 की आखिरी शनि अमावस्या होगी. शनिवार को अमावस्या का संयोह बहुत कम ही बनता है. 14 साल पहले ऐसा संयोग बना था, जब भाद्रपद मास की में शनि अमावस्या थी. आगे 2 साल बाद यानी 2025 में शनि अमावस्या का ऐसा संयोग बनेगा.
अमावस्या तिथि कब से कब तक | Shani Amavasya 2022 Date and Time
भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 26 अगस्त को सुबह 11 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रही है जो कि शनिवार, 27 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. अमावस्या तिथि पर तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान करने का खास महत्व है. पुराणों में तो अमावस्या तिथि को पर्व कहा गया है. ऐसे में इस दिन तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है.
इसलिए खास है शनि अमावस्या | Rare coincidence of Shani Amavasya 2022
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या बेहद शुभफलदायी होती है. इस दिन तीर्थ-स्नान और दान करने से कई गुणा अधिक पुण्य मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या तिथि शनि देव की जन्म तिथि भी है. ऐसे में इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल की पूजा की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से शनि दोष खत्म हो जाते हैं. इस दिन लोग शनि देव की कृपा पाने के लिए व्रत भी रखते हैं. यह शनि अमावस्या इस वजह से खास है क्योंकि इस दिन शनि अपनी स्वराशि मकर में रहने वाले हैं.
Shani Amavasya 2022 Date: अगस्त में कब है शनिश्चरी अमावस्या? जानें तारीख और शुभ योग
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)