Rahu Ketu Tips For Kitchen: ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक इनका संबंध घर के किचन (Kitchen) में मौजूद कुछ सामान से भी होता है. माना जाता है कि ये ग्रह घर में मौजूद पॉजीटिव एनर्जी को निगेटिव एनर्जी में बदल देते हैं. रसोईघर में तवा का इस्तेमाल अधिकांशतः होता है. माना जाता है कि किचन में मौजूद तबे से राहु-केतु (Rahu Ketu) का सीधा संबंध होता है. इसके अलावा किचन में कढ़ाई का भी इस्तेमाल किया जाता है. वास्तु (Vastu) के जानकार बताते हैं कि किचन में मौजूद ये दो सामान राहु-केतु का प्रतिनिधत्व करते हैं. ऐसे में इन बर्तनों को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होती है. माना जाता है कि जो लोग इसका ख्याल नहीं रखते हैं, वहां राहु-केतु का वास होने लगता है. ऐसे में जानते हैं कि किन उपायों से राहु-केतु के बुरे प्रभाव (Bad Effect of Rahu Ketu) से बचा जा सकता है.
किचन में रखें इन बातों का विशेष ध्यान
वास्तु शास्त्र के मुताबिक कहा जाता है कि रसोई में तवा को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जहां किसी बाहरी लोगों की नजर ना पड़ती हो.
माना जाता है कि तबा और कढ़ाई को कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में राहु की नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.
तबा और कढ़ाई को हमेशा दाईं ओर रखना उचित माना गया है. दरअसल दाईं ओर मां अन्नपूर्णा का वास होता है. इसके अलावा अगर तवा का उपयोग होने पर आलमारी या किसी सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए.
मान्यता है कि खाना पकाने के बाद तवा को हमेशा धोकर ही रखना चाहिए. साथ ही तवा और कढ़ाई का इस्तेमाल करने के बाद चूल्हे पर नहीं छोड़ना चाहिए. काम होने के बाद इसे नीचे उतारकर रखना चाहिए. कहा जाता है कि खाना बनाने के बाद उसे तवा पर रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है.
गर्म तवे और कढ़ाई को कभी भी पानी में नहीं डालना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में कई प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
कहा जाता है कि खाना बनाने के बाद तवे और कढ़ाई में थोड़ा नमक छिड़क देना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है. परिणामस्वरूप घर में खुशहाली का माहौल कायम होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)