Bhog Tips: धार्मिक मान्यताओं में भोग अत्यधिक महत्व रखता है. माना जाता है जितनी श्रद्धानुसार भक्त अपने आराध्य को भोग लगाते हैं उतनी ही कृपादृष्टि देवी-देवताओं की उनपर पड़ती है. शास्त्रों के अनुसार भगवान को उनकी प्रिय चीजों का भोग (Bhog) लगाने पर उनकी सभी मनोकामनाओं पूर्ण हो सकती हैं. पूजा में सात्विक भोग लगाया जाता है और प्याज या लहसुन का प्रयोग भी नहीं होता है. यहां जानिए भोग लगाते समय भक्तों को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
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भोग लगाते समय ध्यान रखने वाली बातें
लंबे समय तक भोग रखनाअपने आराध्य को भोग लगाते समय इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि भोग लंबे समय तक बनाकर ना रखा गया हो. हालांकि, शीतला माता की पूजा में बासी भोजन का भोग लगाया जाता है.
मान्यतानुसार भोग लगा देने के बाद चढ़ाए गए भोग को पूजास्थल से कुछ देर बाद ही हटा देना चाहिए. इस भोग को बहुत देर तक पूजा स्थल (Puja Ghar) के पास रखना अच्छा नहीं मानते हैं.
भोग का पात्रभोग लगाने के समय किस धातु का पात्र इस्तेमाल किया जा रहा है इसका भी खास ध्यान रखा जाता है. माना जाता है कि सोने, चांदी और तांबे के पात्र में रखकर भोग चढ़ाना सबसे अच्छा होता है. इसके अतिरिक्त मिट्टी, पत्थर और यज्ञीय लकड़ी के पात्र का उपयोग भी किया जा सकता है.
भोग का अनादर ना करना भी विशेष महत्व रखता है. यदि जातक भोग लगाए गए भोजन को फेंक देता है या फिर कहीं उठाकर पटक देता है तो इसे देवी-देवा का अनादर समझा जाता है. ऐसा करने से परहेज करना चाहिए.
प्रसाद बांटने के बादआखिर में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि भोग और प्रसाद (Prasad) बांट देने के बाद भोग का पात्र भगवान के समक्ष ना रखें. इसे मंदिर और पूजास्थल से कुछ दूरी पर ढक्कर रखना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)