कांवड़ यात्रा पर UP सरकार के दिशा-निर्देश जारी, राज्य सरकारें कांवड़ियों को उपलब्ध कराएं आईडी

कांवड़ रूट के सभी 12 जिलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. इसको दो भागों में बांटा गया है. इसमें एक ग्रुप में वरिष्ठ अधिकारी जबकि दूसरे ग्रुप में थाना स्तर के अधिकारी जानकारी साझा करेंगे.

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डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि यात्रा को देखते हुए यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है.

Kanwad yatra 2024 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उच्च स्तरीय बैठक में पवित्र सावन मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर अधिकारियों को तैयारियां पुख्ता करने के निर्देश दिये थे. इसी क्रम में शनिवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने मेरठ में पश्विमी उत्तर प्रदेश के आलाधिकारियों सहित चार राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में अधिकारियों ने कांवड़ यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कांवड़िए अपने साथ भाले, त्रिशूल या किसी प्रकार का हथियार लेकर नहीं चल सकेंगे.

ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी

वहीं कावड़ यात्रा के रूट पर डीजे पर पाबंदी नहीं रहेगी, लेकिन नियमानुसार ध्वनि सीमा होनी आवश्यक है. साथ ही कावड़ यात्रा की सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाएगी. इतना ही नहीं कांवड़ यात्रा के दौरान तिरंगा लेकर चलने वाले श्रद्धालुओं पर विशेष नजर रहेगी. इसके अलावा दूसरे राज्यों के अधिकारियों को कांवड़ियों को आईडी अवश्य उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.

यूपी-उत्तराखंड में 8 कंबाइंड कंट्रोल रूम

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. ऐसे में मेरठ में कांवड़ यात्रा समन्वय बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान बैठक में मेरठ के सीमावर्ती जनपदों के वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन जुड़े जबकि रेंज और मंडल के अधिकारी मौजूद रहे. मुख्य सचिव ने बताया कि कांवड़ रूट के सभी 12 जिलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. इसको दो भागों में बांटा गया है. इसमें एक ग्रुप में वरिष्ठ अधिकारी जबकि दूसरे ग्रुप में थाना स्तर के अधिकारी जानकारी साझा करेंगे.

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यात्रा को 5 जोन में गया बांटा

कांवड़ यात्रा की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन से की जाएगी. उन्होंने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पूरी यात्रा को 5 जोन में बांटा गया है. यात्रा रूट पर जगह-जगह पर हेल्थ शिविर, कांवड़ शिविर बनाए जाएंगे. यहां पर कांवड़ियों के ठहरने, आराम करने एवं खाने पीने की व्यवस्था उपलब्ध होगी. वहीं महिलाओं के लिए अलग शिविर की व्यवस्था की गयी है. हेल्थ शिविर में एंटीवेनम इंजेक्शन भी मौजूद रहेंगे. यूपी उत्तराखंड में 8 कंबाइंड कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे. इसका संचालन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अधिकारी करेंगे ताकि कांवड़ियों को सभी सुविधाएं दी जा सकें.

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सभी राज्य उपलब्ध कराएं आईडी कार्ड

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि यात्रा को देखते हुए यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है. उन्होंने बताया कि जिन रूट से यात्रा निकलती है, वहां से भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. दिल्ली एक्सप्रेस वे, देहरादून एक्सप्रेस वे और चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर 21 जुलाई की रात 12 बजे से भारी वाहनों का प्रवेश बैन रहेगा. वहीं पुलिस यात्रा के दौरान डीजे पर बजने वाले गानों और ध्वनि सीमा को तय करेगी. यात्रा के दौरान दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के बार्डर पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी.

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यहां डाॅग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता, आईबी, इंटेलिजेंस, एलआईयू की टीम एक्टिव रहेगी. कांवड़ रूट पर शराब और मांस की दुकानें बंद रहेंगी. इसके अलावा बिजली के खंभों को पॉलीथिन और ट्रांसफॉर्मर को जाली से कवर किया जाएगा ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो सके. यात्रा के मार्ग पर शिविर को हाइवे और एक्सप्रेव वे से दूरी पर बनाया जाएगा. डीजीपी ने बताया कि दूसरे राज्यों के अधिकारियों को कांवड़ियों को आईडी कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि किसी भी समस्या के दौरान उनसे संपर्क कर सहायता प्रदान की जा सके. वहीं ग्रुप में चलने वाले कांवड़ियों के ग्राम और थाने का उल्लेख करने को कहा गया है.

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