भगवान को भोग लगाने के बाद मंदिर में क्यों नहीं रखना चाहिए प्रसाद, वजह जानकर आप भी नहीं करेंगे ये गलती

Rules Of Offering Bhog To God & Goddess :  पूजा के बाद प्रसाद लोगों में बांट दिया जाता है लेकिन कुछ लोग भोग लगाने के बाद ऐसा नहीं करते. तो यहां जानिए यह गलत है या सही...

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भगवान को भोग सोने, चांदी, लकड़ी तांबे या फिर मिट्टी के पात्र में रखकर ही चढ़ाना चाहिए.

Niyam Of Bhog: हिंदू धर्म में किसी भी तरह की पूजा में देवी देवताओं को भोग (Bhog) चढ़ाने का बहुत महत्व है, जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. भोग अर्पित करने से ही पूजा पूर्ण होती है.  पूजा छोटी हो या फिर बड़ा अनुष्ठान धूप दीप के बाद भगवान को भोग प्रसाद (Prasad) जरूर अर्पित किया जाता है.  हिंदू धर्म में भगवान को भोग लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. पूजा के बाद प्रसाद लोगों में बांट दिया जाता है, लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं करते. कई लोग अक्सर भगवान को भोग लगाने के बाद मंदिर में भगवान के सामने प्रसाद छोड़ देते हैं. ऐसा करना सही या गलत आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे. 

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 भगवान को भोग अर्पित करने के नियम 

 ज्योतिषाचार्य के मुताबिक भगवान को भोग लगाते वक्त कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. 

  • भगवान को भोग सोने, चांदी, लकड़ी तांबे या फिर मिट्टी के पात्र में रखकर ही चढ़ाना चाहिए. स्टील के बर्तन  भोग के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
  •  भगवान को चढ़ाया हुआ भोग बाद में प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है. इस भोग को लगाने के तुरंत बाद उठा लेना चाहिए. 
  •  ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक देवता के सामने कई घंटे तक रखा हुआ प्रसाद नकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में आने से अशुद्ध हो जाता है. यही वजह है कि भगवान को भोग लगाने के बाद इसे तुरंत उठा लेना चाहिए.
  •  ऐसा कहा गया है कि ज्यादा देर तक प्रसाद भगवान के सामने रखे रहने से विश्वकसेन, चण्डेश्वर और चांडाली नमक शक्तियों के संपर्क में आ जाता है, जो प्रसाद को अशुद्ध कर देते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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