मान्यतानुसार देवी-देवताओं को भोग लगाते समय ध्यान रखनी चाहिए ये 5 बातें, बरसती है कृपा और मिलता है आशीर्वाद 

Bhog Niyam: माना जाता है कि पूजा करते समय कुछ खास बातों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है. इसके साथ ही, भोग में क्या और किस तरह चढ़ाया जा रहा है इसका भी विशेष महत्व है. 

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Bhog Rules: देवी-देवताओं के भोग से जुड़े नियम जानें यहां. 

Pooja Niyam: धार्मिक मान्यताओं के आधार पर भोग लगाने को अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्य बताया जाता है. कहते हैं भक्त अपने आराध्य को पूरे श्रद्धाभाव और मनोहार से भोग लगाते हैं तो देवी-देवता प्रसन्न होकर अपनी कृपा और आशीर्वाद बरसाते हैं. पूजा-पाठ का हिंदू धर्म में सदा से महत्व रहा है. पूजा करते समय भी अनेक बातों को ध्यान में रखने की सलाह दी जाती है. भोग के विषय में कहा जाता है कि भोग ताजा पका हुआ हो और सफाई से बना हो. इसके हटकर भी भोग से जुड़ी अनेक बातें हैं और भोग नियम (Bhog Niyam) हैं जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक होता है. यहां जानिए मान्यतानुसार भोग लगाते हुए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए. 

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भोग लगाते हुए ध्यान में रखने वाली बातें 

भोग लगाने का पात्र 

भोग किस पात्र में चढ़ाया जा रहा है यह भी महत्व रखता है. भोग लगाने का पात्र सोना, मिट्टी या पीतल धातू का हो तो उसे बेहद शुभ मानते हैं. इसके अलावा केले या पान के पत्ते में भोग लगाने की विशेष मान्यता होती है. 

भोग कब करें तैयार 

पूजा से कुछ घंटो पहले ही भोग तैयार कर लें. जितना ताजा भोग होगा उतना ही अच्छा माना जाता है. भोग बहुत ज्यादा देर पहले बनाकर ना रखा जाए इस बात का विशेष ध्यान दें. हालांकि, शीतला माता की पूजा में बासी भोग (Basi Bhog) का इस्तेमाल किया जाता है और भोग पूजा से एक रात पहले बनाया जाता है. इसके अतिरिक्त अन्य पूजाओं में भोग ताजा बनाने की ही सलाह दी जाती है. 

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ना हो भोग का अनादर 

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोग का किसी भी प्रकार से अनादर ना हो. कोई भोग फेंके नहीं, भोग से खेले नहीं और भोग को गंदे हाथों से ना छुए. भोग को स्वच्छ हाथों से ही भगवान को अर्पित करें और भोग का बिल्कुल उसी तरह आदर करें जिस तरह आप अपने आराध्य का करते हैं. 

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भोग कब हटाएं 

भोग लगा देने के बाद भगवान के समक्ष अत्यधिक समय तक रखना अच्छा नहीं माना जाता. पूजा स्थल से भोग हटाने का भी एक समय होता है. जब भोग लगा दें तो उसके बाद भोग को मंदिर से हटा देना चाहिए. इसे ढक्कर किसी स्वच्छ स्थान पर रखना चाहिए और अन्य भक्तों में प्रसाद (Prasad) वितरित करें. 

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कैसा हो भोग 

भोग यूं तो सात्विक ही होता है, लेकिन हर देवी-देवता का प्रिय भोग अलग माना जाता है. मान्यतानुसार जिन देवी-देवताओं को भोग में जो चीजें पसंद हैं उन्हें भोग में वही चीजें चढ़ाई जाएं तो भगवान प्रसन्न हो सकते हैं. इससे पूजा सफल मानी जाती है और पूजा का अच्छा फल भी मिलता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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