Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में श्राद्ध करते वक्त क्यों निकालते हैं पंचग्रास, जानें इसका महत्व

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में पंचग्रास निकालने की परंपरा है. जब पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है तो उस दौरान ऐसा किया जाता है. आइए जानते हैं कि पंचग्रास के बारे में.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Pitru Paksha 2022: पितरों के निमित्त श्राद्ध करते समय पंचग्रास निकालने की परंपरा है.

Pitru Paksha 2022 Panch Gras: पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध (Shradh 2022) का खास महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) की अवधि में पितरों के निमित्त तर्पण (Tarpan) करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. जिसके परिणामस्वरूप जीवन में खुशहाली कायम रहती है. पितृ पक्ष में पंचग्रास (Panch Gras) का विशेष महत्व है. पितृ पक्ष में जब किसी का श्राद्ध किया जाता है तो उस दौरान पंचग्रास निकालने की परंपरा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है. इसके पीछे कोई कारण है भी या नहीं. आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान पंचग्रास क्यों निकाला जाता है और इसका महत्व क्या है. 

पंचग्रास का महत्व | Panch Gras Importance

शास्त्रों में श्राद्ध (Shradh) के दौरान निकाले जाने वाले पंचग्रास (Panch Gras) का खास महत्व है. पंचग्रास में भोजन को पांच हिस्सों में निकाला जाता है जो क्रमशः गाय, चींटी, कौए, कुत्ते और पूर्वजों को उनके भोजन के निमित्त दिया जाता है. मान्यता है कि ये किसी ना किसी रूप में पूर्वजों तक पहुंच जाते हैं. इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि पंचग्रास भोजन से पितरों की आत्मा को तृप्त हो जाती है. जिससे प्रसन्न होकर वे अपनें वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. पितृ पक्ष में रोजाना पंचग्रास निकाले जाते हैं, लेकिन इसका महत्व उस दिन और भी अधिक बढ़ जाता है जिस दिन पिर्वजों के नाम के किसी ब्राह्मण को भोजन कराया जाता है.

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष की मातृ नवमी होती है बेहद खास, जानें श्राद्ध की सही विधि और महत्व

Advertisement

कैसे निकालें पंचग्रास | How to do Panch Gras

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सबसे पहले गाय के लिए पंचग्रास निकाला जाता है. जिसे गौबलि के नाम से जाना जाता है. इसके बाद दूसरा ग्रास कुत्ते के निमित्त निकाला जाता है. जिसे श्वान बलि कहा जाता है. तीसरा ग्रास कौए के निमित्त निकाला जाता है जिसे काक बलि कहा जाता है. चौथा ग्रास देव बलि कहा जाता है. इसमें देवताओं के निमित्त ग्रास निकाला जाता है. इसके अलावा पांचवां ग्रास चींटियों के निमित्त निकाला जाता है जिसे पिपीलिकादि ग्रास के नाम से जाना जाता है. इस दौरान अलग-अलग मंत्र बोला जाता है.  

Advertisement

Navratri 2022 Colours: नवरात्र में 9 रंगों का है खास महत्व, यहां जानिए किस देवी को पसंद है कौन सा रंग

Advertisement


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

अनंत चतुर्दशी आज, मुंबई में गणपति विसर्जन की धूम

Featured Video Of The Day
Gadgets 360 With Technical Guruji: iOS और Android पर कम ब्लूटूथ वॉल्यूम को कैसे ठीक करें? सीखिए