Pitra Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष तब लगता है जब पूर्वज जातक या उसके घर-परिवार से नाराज हो जाते हैं. पितृ दोष लगने पर घर में आर्थिक कष्ट बढ़ जाते हैं और व्यक्ति को सुचारू रूप से जीवन जीने में बाधा आने लगती है. माना जाता है कि अपने ज्ञात और अज्ञात पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखना बेहद जरूरी होता है. व्यक्ति यदि जाने-अनजाने में पितरों को नाराज या क्रोधित कर देता है तो पितृ दोष उसके जीवन को प्रभावित करने लगता है. घर में तरक्की ना होना, हर समय झगड़े की स्थिति होना और दुखों का बढ़ना भी पितृ दोष के लक्षण माने जाते हैं. मान्यतानुसार इस स्थिति में कुछ बातों का ध्यान रखकर और कुछ उपाय (Pitra Dosh Upay) अपनाकर पितृ दोष से छुटकारा पाया जा सकता है.
पितृ दोष दूर करने के उपाय
- मान्यतानुसार पितृ दोष दूर करने के लिए हर माह अमावस्या (Amavasya) पर पितरों का तर्पण किया जा सकता है.
- पितरों का श्राद्ध करके भी पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. इस चलते कुंडली में लगे पितृ दोष को दूर करने के लिए रोजाना सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दिया जा सकता है.
- पितृ दोष से छुटाकारे के लिए पीपल को जल चढ़ाया जा सकता है. पीपल के पेड़ पर दोपहर के समय जल चढ़ाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, अक्षत, दूध और गंगाजल अर्पित किया जा सकता है.
- पूजा के दौरान अपने पूर्वजों के समक्ष हाथ जोड़कर अपनी गलतियों की क्षमा याचना मांगी जाती है. इससे पूर्वजों की नाराजगी और क्रोध दूर होता है.
- शाम के समय गोधुलि बेला में पूजा करके भी पितृ दोष से छुटकारा पाने की कोशिश की जा सकती है. गोधुलि बेला का समय वह समय होता है जब गाय अपने पीछे धुलि उड़ाते हुए घर की ओर बढ़ती है. इसीलिए इसे गोधुलि बेला (Godhuli Bela) कहते हैं.
- भगवान शिव की पूजा करके भी पितृ दोष दूर करने की कोशिश की जा सकती है. भगवान शिव की हर सोमवार पूजा करने पर पितृ दोष हट सकता है.
- अपने इष्ट देवता की पूजा करके पितृदोष से मुक्ति की गुहार लगाई जा सकती है. मान्यतानुसार इष्ट देवता पितृदोष दूर कर देते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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