Parikrama Niyam: किन देवी-देवताओं की कितनी बार करें परिक्रमा? यहां जानें

Parikrama Niyam: हिंदू धर्म में परिक्रमा के खास नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि किन देवी-देवताओं की कितनी बार परिक्रमा की जाती है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
Parikrama Niyam: हिंधू धर्म शास्त्रों में परिक्रमा के खास नियम बताए गए हैं.

Parikrama Niyam: हिंदू धर्म के देवालय ही नहीं अन्य धर्मों में भी आपने मुख्य भवन के चारो तरफ श्रद्धालुओं को प्रदक्षिणा या परिक्रमा करते हुए तो देखा ही होगा. मूर्तियों के चारों ओर गोलाकार आकृति में घूमना या फेरे लगाने को ही प्रदक्षिणा कहा जाता है. प्रदक्षिणा को प्रभु की उपासना करने का माध्यम माना गया है. ऐसा कोई धर्म नहीं है जिसमें प्रदक्षिणा को न स्वीकारा गया हो. हिंदू धर्म में सिर्फ देवी-देवताओं की मूर्तियों की ही नहीं बल्कि गर्भगृह, अग्नि, पेड़ और यहां तक कि नर्मदा, गंगा आदि नदियों की भी परिक्रमा लगाई जाती है. क्योंकि सनातन धर्म में प्रकृति को भी साक्षात देव समान माना गया है. कुछ मंदिरों में तो परिक्रमा पथ भी बनाए जाते हैं. 

किस तरह करनी चाहिए प्रदक्षिणा

मान्यता है कि प्रदक्षिणा हमेशा दाहिने से बाईं ओर यानी घड़ी की सुई की दिशा में करनी चाहिए. इसे दक्षिणावर्त भ्रमण भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि मूर्तियों के विराजमान होने के स्थल के आस-पास गोलाकार घूमने से वहां पर बहने वाली ऊर्जा की प्राप्ति होती है. प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों से एक प्रकार की ऊर्जा सदैव निकलती रहती है. धर्म शास्त्रों के अनुसार जो लोग ऐसे पवित्र स्थलों की दंडवत प्रदक्षिणा करते हैं उनको दस अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

कितनी बार की जाती है प्रदक्षिणा

हिंदू धर्म में हर देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग तरह की प्रदक्षिणा का विधान है. आइए जानते हैं कि किस देवी-देवताओं की कितनी बार प्रदक्षिणा करनी चाहिए ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके.

Advertisement

Som Pradosh Vrat 2022: सोम प्रदोष व्रत दिला सकता है दुख और दरिद्रता से मुक्ति, जानिए कथा और शुभ मुहूर्त

Advertisement

-जब भी आप किसी दुर्गा मंदिर में जाएं तो उनकी परिक्रमा हमेशा एक बार करनी चाहिए.

-सूर्य भगवान की प्रदक्षिणा सात बार करना चाहिए. 

-गणेश जी की तीन बार प्रदक्षिणा करनी चाहिए.

-विष्णु भगवान की चार बार प्रदक्षिणा करनी चाहिए. विष्णु जी की परिक्रमा करते समय सहस्त्रनाम या विष्णु नाम का जप करने से पापों का शमन होता है.

-शंकर जी की आधी प्रदक्षिणा करनी चाहिए. शास्त्रों में लिखा है कि शंकर भगवान के सोम सूत्र का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. सोम सूत्र का अर्थ है कि शंकर जी को चढ़ाए जाने वाले की धारा जहां से बहती हो, उसे लांघना नहीं चाहिए.

-गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा को बहुत शुभ माना गया है.

-जिन देवताओं की प्रदक्षिणा के विधान का कहीं उल्लेख नहीं है, उनकी प्रदक्षिणा तीन बार करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
NDTV Emerging Business Conclave: डिग्री से ज़्यादा प्रोफेशनल कोर्स की डिमांड- Jayant Chaudhary