Papankusha Ekadashi 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, हर माह में आने वाली दोनों एकादशी तिथि का बहुत महत्व होता है. वर्ष में कुल 24 एकादशी (Ekadashi ) पड़ती हैं. आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी पापंकुशी एकादशी या पापांकुशा एकादशी कहलाती है. इस दिन मौन व्रत लेकर भगवान का स्मरण किया जाता है. मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. पद्म पुराण के अनुसार, इस दिन सोना, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, जूते और छाता का दान करने से यमराज का भय दूर होता है. आइए जानते हैं कब है पापांकुशा एकादशी और इस दिन किन नियमों का पालन करना होता है जरूरी.
आज है पापांकुशा एकादशी
इस वर्ष आश्विन माह की एकादशी तिथि 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट से शुरु होकर 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. इसलिए आश्विन एकादशी 25 अक्टूबर बुधवार को मनाई जा रही है.
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पापांकुशा एकादशी पर करें इन नियमों का पालनपापांकुशा एकादशी का व्रत (Papankusha Ekadashi Vrat) रखने वालों को भगवान के स्मरण के साथ-साथ मन को बुरे और नकारात्मक विचारों से दूर रखना चाहिए. पापांकुशा एकादशी पर इन नियमों का पालन करना चाहिए. एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना जाता है इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं बनाना चाहिए. इसके साथ ही मान्यतानुसार इस दिन अन्न की जगह फल का सेवन करना चाहिए. एकादशी का व्रत रखने वालों को भोग विलास से दूर रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन दान जरूर करना चाहिए. व्रत रखने वालों को परनिंदा, क्रोध और बुरे विचारों से दूर रहना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)