गुरु पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 31 मिनट से शाम 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
Guru Purnima 2025 bhadra saya : आज आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि है, जिसे हर साल गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. यह दिन गुरु के प्रति सम्मान प्रकट करने और उनकी सिखाई बातों का अनुसरण करने के लिए समर्पित है. साथ ही इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की उपासना करने का भी विधान है. इस साल आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भद्रा का भी साया है. ऐसे में आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन, स्नान दान का मुहूर्त और भद्रा मान्य है कि नहीं...
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कब से कब तक है भद्रा का साया 2025 - From when to when is the shadow of Bhadra in 2025
- गुरु पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 31 मिनट से शाम 01 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. इस दिन चंद्रमा धनु राशि में होगा, ऐसे में भद्रा का साया मान्य नहीं होगा. आपको बता दें कि जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ, मीन राशि में स्थित होता है, तब भद्रा का साया पृथ्वी लोक में माना जाता है.
- इस दिन स्नान दान का उत्तम मुहूर्त सुबह 5 बजकर 31 मिनट से सुबह 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. यह चौघड़िया मुहूर्त है. गुरु पूर्णिमा के दिन आप जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं, तो चंद्रदेव की आप पर हमेशा कृपा बनी रहती है. इससे आपका दिमाग शांत होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें या नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करिए. यह शुभ फलदायी होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी का अभिषेक भी करिए.
- साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी को पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कराइए. इसके अलावा मंदिर में घी का दीपक जलाइए. कोशिश करें इस दिन उपवास रखने का यह लाभकारी होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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