Navpatrika Puja 2022 Date, Puja Vidhi, Importance: हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान पड़ने वाले नवपत्रिका पूजा का खास महत्व है. शारदीय नवरात्रि में नवपत्रिका पूजा के दौरान नौ प्रकार की पत्तियों से मिलाकर एक गुच्छ बनाया जाता है. इसके बाद उस नवगुच्छ के माध्यम से मां दुर्गा का आवाह्न किया जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन महासप्ती की पूजा में नवपत्रिका का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल नवरात्रि के आखिरी चार दिन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. इस साल नवरात्रि में नवपत्रिका पूजा 2 अक्टूबर, रविवार को की जाएगी. आइए जानते हैं नवपत्रिका पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में.
नवपत्रिका पूजा 2022 शुभ मुहूर्त | Navpatrika Puja 2022 Shubh Muhurat
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन यानी 02 अक्टूबर, रविवार को नवपत्रिका पूजा होगी. पंचांग के अनुसार, इस बार सप्तमी तिथि की शुरुआत 01 अक्टूबर को रात 8 बजकर 48 मिनट से हो रही है. वहीं सप्तमी तिथि का समापन 02 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा. सप्तमी तिथि के अंतर्गत नवपत्रिका पूजा का विधान है.
नवपत्रिका पूजा महास्नान | Navpatrika Puja Mahasnan
नवरात्रि में सप्तमी तिथि के दिन महास्नान का विशेष महत्व है. इसके लिए भक्त इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होते हैं. साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष शीशा रखा जाता है और उस पर पड़ने वाले मां दुर्गा की प्रतिबिंब को महास्नान कहते हैं.
नवपत्रिका पूजा विधि 2022 | Navpatrika Puja Vidhi
नवपत्रिका पूजा के दिन भक्त सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं. साथ ही मां दुर्गा को किसी पवित्र नदी में स्नान कराया जाता है. इसे महास्नान भी कहते हैं. विशेष पत्तियों या पौधों को पीले रंग के धागे के साथ सफेद अपराजिता की बेल से बांधा जाता है. नवपत्रिका पूजा के लिए केला, कच्वी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्वा और जौ की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है.
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नवपत्रिका पूजा का महत्व | Navpatrika Puja Mahatva
नवपत्रिका पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है. इसे महासप्तमी पूजा भी कहा जाता है. महा सप्तमी के दिन सुबह 9 तरह की विशेष पत्तियों से गुच्छा बनाकर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. इससे बाद उसका इस्तेमाल मां दुर्गा की पूजन में किया जाता है. धार्मिक मान्यतानुसार, इन 9 अलग-अलग तरह की पत्तियों को मां दुर्गा का स्वरूप कहा जाता है. सप्तमी के के दिन नवपत्रिका पूजा खास होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)