Masik Shivratri 2025: सनातन धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व है. खासकर मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही प्रमुख पर्व माने जाते हैं. माना जाता है कि इन दिनों की पूजा से भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनका जीवन खुशहाल और शांतिपूर्ण बनता है. शिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना का दिन होता है जो हर महीने एक निश्चित तिथि को मनाई जाती है. ऐसे में 2025 में मासिक शिवरात्रि किस-किस दिन पड़ेगी जानें यहां.
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मासिक शिवरात्रि की तिथि 2025
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है जबकि महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा, व्रत और ध्यान से कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
27 जनवरी 2025 (सोमवार) – मासिक शिवरात्रि (माघ)
26 फरवरी 2025 (बुधवार) – महाशिवरात्रि (फाल्गुन)
27 मार्च 2025 (बृहस्पतिवार) – मासिक शिवरात्रि (चैत्र)
26 अप्रैल 2025 (शनिवार) – मासिक शिवरात्रि (वैशाख)
25 मई 2025 (रविवार) – मासिक शिवरात्रि (ज्येष्ठ)
23 जून 2025 (सोमवार) – मासिक शिवरात्रि (आषाढ़)
23 जुलाई 2025 (बुधवार) – श्रावण शिवरात्रि
21 अगस्त 2025 (बृहस्पतिवार) – मासिक शिवरात्रि (भाद्रपद)
19 सितंबर 2025 (शुक्रवार) – मासिक शिवरात्रि (आश्विन)
19 अक्टूबर 2025 (रविवार) – मासिक शिवरात्रि (कार्तिक)
18 नवंबर 2025 (मंगलवार) – मासिक शिवरात्रि (मार्गशीर्ष)
18 दिसंबर 2025 (बृहस्पतिवार) – मासिक शिवरात्रि (पौष)
सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. यह हर महीने एक नई ऊर्जा और विशेष पूजा का अवसर प्रदान करती है. मान्यता इस दिन भगवान शिव की उपासना से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मानसिक शांति की बढ़ोत्तरी होती है. माना जाता है कि शिवरात्रि (Shivratri) के दिन व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है. साथ ही, यह दिन जीवन के हर पहलू में सकारात्मकता लाने का भी अवसर प्रदान करता है.
मासिक शिवरात्रि के दिन शिव भक्त विशेष रूप से भगवान शिव का पूजन करते हैं. व्रत रखने वाले इस दिन व्रत (Shivratri Vrat) करते हैं और जल, बेलपत्र, दूध और शहद से शिवलिंग की पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है. मंदिरों में भी इस दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है. इसके अलावा, शिवरात्रि की रात का जागरण भी बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह रात भगवान शिव के साथ मिलकर भक्ति में लीन होने का अवसर प्रदान करती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)