Masik Shivratri 2023: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी. इस वर्ष यह दिन 18 अप्रैल, मंगलवार को पड़ रहा है. शिवरात्रि (Shivratri) के दिन मान्यतानुसार भगवान शिव और माता पार्वती का पूरे विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है और माना जाता है कि जो भक्त पूरे श्रद्धाभाव से पूजा में संलग्न रहते हैं उनपर भोलेनाथ की विशेष कृपादृष्टि पड़ती है और वे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर देते हैं. शिवरात्रि का व्रत पुरुष व महिलाएं दोनों ही रखते हैं. लड़कियां खासतौर से शिवरात्रि के व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं.
मासिक शिवरात्रि की पूजा | Masik Shivratri Puja
वैशाख मासिक शिवरात्रि 18 अप्रैल, मंगलावर के दिन पड़ रही है. दृग पंचांग के अनुसार शिवरात्रि तिथि का प्रारंभ 18 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से हो रहा है और समाप्ति अगले दिन 11 बजकर 23 मिनट पर होगी. 18 अप्रैल के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है. अमृतकाल काल रात 8 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 1 मिनट तक माना जा रहा है.
मासिक शिवरात्रि की पूजा करने के लिए भक्त सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं.
इसके बाद शिव मंदिर जाकर पूजा की जाती है.
- मंदिर में भोलेनाथ (Lord Shiva) का दूध और गंगाजल से अभिषेक करते हैं.
- पूजा में बेलपत्र, शहद, पुष्प, धतूरा और फल आदि शामिल किए जाते हैं.
- सूर्योदय के बाद भगवान शिव का एकबार फिर पूजन होता है.
- शाम के समय जल, चावल, धूप, पुष्प व मिठाई आदि का इस्तेमाल होता है.
- पूजा में गाय के घी का दीपक जलाते हैं.
- पीले कनेर के पुष्प और माला भोलेनाथ पर अर्पित की जाती है. कहते हैं इससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं.
- मासिक शिवरात्रि के दिन 108 बार भोलेनाथ के मंत्र ऊँ नमः शिवाय का उच्चारण करना शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)