Masik Janmashtami Vrat: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा आज, जानें मुहूर्त और पूजा विधि

Masik Janmashtami Vrat: मासिक कृष्ण अष्टमी व्रत भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए खास माना जाता है. आषाढ़ मास की मासिक कृष्ण अष्टमी का व्रत 20 जून को यानि आज रखा जा रखा है.

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Masik Janmashtami Vrat: आषाढ़ मास की मासिक जन्माष्टमी का व्रत 20 जून को रख जाएगा.

Masik Janmashtami Vrat: हिंदू धर्म में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का खास महत्व है. मासिक जन्माष्टमी का व्रत (Masik Janmashtami Vrat) प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्ठमी तिथि को रखा जाता है. इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 20 जून को यानि आज है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर हुआ था. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी (Masik Janmashtami) का व्रत रखा जाता है. भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा करते हैं. जिससे उन पर प्रभु की कृपा बनी रहती है. साथ ही घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. आइए जानते हैं मासिक जन्माष्टमी व्रत कब है और पूजा की विधि क्या है. 

मासिक कृष्ण अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त | Masik Krishna Ashtami Vrat 

पंचांग  के अनुसार आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 जून, सोमवार को यानि आज 01 बजे से हो रही है. वहीं आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन 21 जून को 3 बजे हो रहा है. 

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मासिक कृष्ण अष्टमी पूजा विधि | Masik Krishna Ashtami Puja Vidhi

मासिक कृष्ण अष्टमी के दिन भक्त सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर घर के मंदिर की सफाई करते हैं. इससे बाद शुद्ध होकर भगवान की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीया और धूपबत्ती जलाते हैं. इसके बाद भगवान का अभिषेक किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानि लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. इस दिन लड्डू गोपाल को माखन, मिश्री और मेवा का भोग लगाया जाता है. अंत में आरती के बाद पूजा की समाप्ति की जाती है. इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है. 

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मासिक कृष्णाष्टमी व्रत का महत्व | Significance of Masik Krishna Ashtami Vrat

मासिक कृष्णाष्टमी व्रत का खास धार्मिक महत्व है. इस दिन विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. संतान की कामना के लिए भी यह व्रत बेहद खास माना गया है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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